बीते दिन सोमवार को कांग्रेस चिंतन शिविर आयोजित किया गया था जिसमें मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ प्रदेश प्रभारी अजय माकन और समस्त विधायक मौजूद रहे। चिंतन शिविर में मुख्यमंत्री गहलोत ने विधायकों पर नाराजगी जताते हुए कहा कि फील्ड में सरकार के कामों का प्रचार नहीं किया जा रहा हैं। बैठक में गहलोत ने विधायकों को नसीहत देते हुए कहा कि अभी से लगना होगा अन्यथा सरकार रिपीट नहीं होगी। तीन साल के कामों को लेकर जनता के बीच जाइए। सीएम रिलीफ फंड से काम कराने के मामले में बीजेपी विधायक ज्यादा सक्रिय हैं। सरकार की योजनाओं का प्रचार-प्रसार करना जरूरी है नहीं तो आपके कामों का पूरा क्रेडिट बीजेपी वाले ले जाएंगे।
विधायक एक दिन बाद अपनी मांगें रखते उससे पहले ही सीएम ने उनसे हिसाब मांग लिया। विधायक दल की बैठक में सीएम अशोक गहलोत ने विधायकों से पूछा कि सरकार के काम काज की बुकलेट छपवाने के लिए एक साल पहले बोला था, अब तक कितने विधायकों ने बुकलेट छपवा ली? बैठक में 20-25 विधायकों ने ही हाथ उठाए। गहलोत ने प्रदेश प्रभारी अजय माकन से कहा कि यह हालत है। इन्हें साल भार पहले कहा था लेकिन कितने लोगों ने बुकलेट छपवाई है, यह साफ दिख रहा है।गहलोत ने बैठक में कहा कि एआईसीसी हर विधायक का सर्वे करवाकर जमीनी हालत जान रही है। किसकी क्या रिपोर्ट है सब एआईसीसी को पता है। विधायकों ने जो मांग रखी, वह काम किया। सरकार रिपीट करने के लिए फील्ड में सरकार के कामकाज का प्रचार करना जरूरी है। हम काम करने के बावजूद प्रचार-प्रसार नहीं कर पा रहे हैं। वहीँ, अजय माकन ने विधायकों से कहा कि जनता के बीच एक्टिव रहना बहुत जरूरी है। विधायक सरकार के कामों को लेकर लगातार जनता के बीच रहें, इसीसे पर्सेप्शन सही बनेगा। इस बैठक के बाद माकन ने विधायकों से वन टू वन बात भी की जिसमें कई धायकों ने राजनीतिक नियुक्तियों में देरी को लेकर नाराजगी जताई।