
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की सख्त व्यापार नीति के चलते चीन को बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। हाल ही में ट्रंप प्रशासन ने चीन से आयातित उत्पादों पर टैरिफ बढ़ाकर 125 प्रतिशत कर दिया है। इसका सीधा असर यह होगा कि अमेरिका में चीनी उत्पाद महंगे हो जाएंगे, जिससे चीन की कंपनियों को भारी नुकसान हो सकता है। चीन, जो अमेरिका को इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट सहित कई महत्वपूर्ण प्रोडक्ट निर्यात करता है, अब इस नए टैरिफ के चलते अपने सबसे बड़े बाजारों में से एक को खो सकता है।
इस स्थिति को देखते हुए अब चीनी कंपनियों का फोकस भारत जैसे उभरते बाजारों की ओर बढ़ रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, कई चीनी इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट निर्माता अब भारतीय कंपनियों को अधिक छूट देने की पेशकश कर रही हैं। फिलहाल वे कुल निर्यात पर 5 प्रतिशत तक की छूट दे रही हैं, जो इस सेगमेंट में अच्छी-खासी राहत मानी जा रही है, क्योंकि यहां मार्जिन पहले से ही अधिक होता है। ऐसे में अमेरिका के बाजार में आई रुकावट के बीच भारत को सस्ते दामों पर उच्च गुणवत्ता वाले कंपोनेंट मिलने का लाभ मिल सकता है।
चीन से आयात होने वाले इलेक्ट्रॉनिक्स कंपोनेंट्स पर मिलने वाले डिस्काउंट का लाभ अब भारतीय उपभोक्ताओं तक पहुंच सकता है। इन कंपोनेंट्स का उपयोग फ्रिज, टीवी, स्मार्टफोन और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के निर्माण में होता है। ऐसे में यह संभावना है कि भारतीय कंपनियां लागत में आई कमी का फायदा ग्राहकों को देने के लिए कीमतें घटा सकती हैं, जिससे मांग को बढ़ावा मिलेगा।
इसके अलावा, अमेरिका के बाद भारत चीन के लिए दूसरा सबसे बड़ा बाजार है। चीन अमेरिका को स्मार्टफोन, कंप्यूटर, खिलौने, कपड़े, वीडियो गेम, इलेक्ट्रॉनिक आइटम्स और मेडिकल प्रोडक्ट्स जैसे कई उत्पाद निर्यात करता है। लेकिन ट्रंप द्वारा टैरिफ बढ़ाए जाने के बाद अमेरिका अब उतना लाभदायक बाजार नहीं रहेगा। ऐसे में चीन की नजर भारत पर है, और इस ट्रेड वॉर की स्थिति में भारत को बेहतर सौदे और सस्ती तकनीक का लाभ मिल सकता है।