भारत का स्पष्ट संदेश: पाकिस्तान से बातचीत केवल तब होगी जब वह PoK लौटाए और आतंक के आकाओं को सौंपे

भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच, भारत ने अमेरिका को साफ-साफ संदेश दिया है कि यदि पाकिस्तान से बातचीत की जाती है, तो यह केवल पाकिस्तान-आधिकृत कश्मीर (PoK) की वापसी और आतंक के आकाओं की पाकिस्तान से सौंपने पर ही हो सकती है। इसके अलावा, किसी भी प्रकार की बातचीत की संभावना को भारत ने खारिज कर दिया है।

सरकारी सूत्रों ने कहा, हमारा कश्मीर पर दृष्टिकोण बहुत स्पष्ट है, और इसमें एक ही मुद्दा बाकी है - पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) की वापसी। इसके अलावा, बात करने के लिए और कोई मुद्दा नहीं है। यदि पाकिस्तान आतंकवादियों को सौंपने की बात करता है, तो हम बातचीत के लिए तैयार हैं। हम किसी और विषय पर बातचीत नहीं करेंगे। हमें किसी मध्यस्थ की भी आवश्यकता नहीं है। सूत्रों के मुताबिक, पहलगाम में हुआ हमला एक अलग मामला था और पाकिस्तान के खिलाफ भारतीय कार्रवाई, चालीस वर्षों से चल रहे आतंकवाद का परिणाम थी।

भारत ने क्यों नहीं किया सीजफायर शब्द का इस्तेमाल?

भारत द्वारा 'सीजफायर' शब्द का उपयोग क्यों नहीं किया गया, इस पर सरकारी सूत्रों ने स्पष्ट किया, ऑपरेशन सिंदूर अभी समाप्त नहीं हुआ है। हम एक नए सामान्य दौर में प्रवेश कर चुके हैं। इसलिए हम 'समझ' या 'गोलीबारी रोकने' जैसे शब्दों का उपयोग कर रहे हैं। दुनिया को इस बदलाव को स्वीकार करना होगा। पाकिस्तान को भी इसे समझना होगा कि अब यह पहले जैसा नहीं चल सकता।

7 मई के हमले के बारे में क्या जानकारी दी गई?

सूत्रों ने बताया कि 7 मई को पाकिस्तान और PoK में स्थित आतंकवादी ठिकानों पर किए गए हमलों के बाद, भारत ने पाकिस्तान के डीजीएमओ को सूचित किया कि ये हमले भारतीय सेना द्वारा किए गए थे। भारत ने कहा कि यदि पाकिस्तान बातचीत करना चाहता है तो वे ऐसा कर सकते हैं, लेकिन पाकिस्तान ने इस प्रस्ताव को नकारते हुए हमले शुरू कर दिए। जब भारत ने 10 मई को जवाबी कार्रवाई करते हुए पाकिस्तान के आठ एयरबेसों को ध्वस्त कर दिया, तब पाकिस्तान के डीजीएमओ का फोन आया और उन्होंने सीजफायर की बात की।