जयपुर : गहलोत सरकार ने बढ़ाया महावतों की मदद के लिए हाथ, बंद पड़े पर्यटन में हाथियों के लिए हर दिन 1500 रुपए की मदद

कोरोना की दूसरी लहर में राजस्थान लंबे समय से लॉकडाउन का सामना कर रहा था जो कि अब अनलॉक होने लगा हैं लेकिन अभी भी हाथी गांव और आमेर किले को पर्यटकों की आवाजाही के लिए अभी भी शुरू नहीं किया गया है। ऐसे में हाथी को संभालने वाले महावतों पर आर्थिक संकट आने लगा हैं। इसमें गहलोत सरकार ने महावतों की मदद के लिए हाथ बढ़ाया हैं और बंद पड़े पर्यटन में हाथी के भरण-पोषण के लिए 1500 रुपए हर दिन देने का तय किया हैं। इससे पहले कोरोना की पहली लहर में लगे लॉकडाउन में भी हाथी पालकों के लिए आजीविका चलाना मुश्किल हो गया था। उस समय भी सरकार ने मुख्यमंत्री सहायता कोष के अंतर्गत कोविड-19 राहत कोष से हाथी कल्याण संस्थान को 4.21 करोड़ रुपए से ज्यादा की राशि ट्रांसफर की थी।

जयपुर का आमेर महल और हाथी गांव को पर्यटकों के लिए बंद कर दिया था। इससे हाथी गांव में रहने वाले महावतों पर आर्थिक संकट आ गया। आर्थिक संकट के चलते महावत के लिए हाथी का भरण-पोषण करना बहुत मुश्किल हो गया था, इसे देखते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने महावतों को आर्थिक मदद का एलान किया है। मदद में हर हाथी के लिए 1500 रुपए प्रतिदिन के हिसाब से राशि उपलब्ध करवाई जाएगी। ये राशि 17 अप्रैल से 31 मई तक लगे लॉकडाउन की अवधि के लिए करवाई जाएगी। इसके लिए सरकार ने 57.37 लाख रुपए की राशि स्वीकृत की है, जो हाथी कल्याण संस्थान को दी जाएगी।