Farmers Protest: किसान आंदोलन के 100 दिन पूरे होने पर कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा- सरकार कानूनों में संशोधन के लिए तैयार लेकिन...

केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने शनिवार को कहा कि किसान बीते 100 दिनों से जिन तीन कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे है सरकार उनमे संशोधन करने के लिए तैयार है। एग्रीविजन के 5वें राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए तोमर ने कहा 'प्रदर्शन कर रहे किसानों की भावना का सम्मान करते हुए सरकार कानूनों में बदलाव करने को तैयार है। इसके साथ ही उन्होंने कानूनों के विरोध में उतरे विपक्षी दलों पर भी निशाना साधा है।

तोमर ने कहा सरकार कृषि कानूनों में संशोधन करने को तैयार है इसका मतलब यह नहीं कि इन कानूनों में कोई कमी है। केंद्रीय मंत्री ने बीते महीने राज्यसभा में यही बात कही थी। उन्होंने कहा कि बीते साल सितंबर में संसद में पास किए गए तीन कानून बाजार में किसानों को ज्यादा कीमत पाने में मदद करेंगे। साथ ही उन्होंने यह दावा किया है कि इससे कृषि क्षेत्र में निवेश बढ़ेगा।

बता दे, सरकार और प्रदर्शन कर रहे किसानों के बीच 11 दौर की बातचीत हो चुकी है, लेकिन अब तक किसी ठोस मुद्दे पर सहमति नहीं बन पाई है। किसान लगातार कानून वापस लिए जाने की मांग पर अड़े हुए हैं।

विपक्षी दलों पर मुद्दे को सियासी बनाने का आरोप लगाते हुए तोमर ने कहा, 'मैं यह मानता हूं कि लोकतंत्र में असहमति का अपना स्थान है, विरोध का भी स्थान है, मतभेद का भी अपना स्थान है. लेकिन क्या विरोध इस कीमत पर किया जाना चाहिए कि देश का नुकसान हो. लोकतंत्र है तो राजनीति करने की स्वतंत्रता सबको है. लेकिन क्या किसान को मारकर राजनीति की जाएगी, किसान का अहित करके राजनीति की जाएगी, देश की कृषि अर्थव्यवस्था को तिलांजलि देकर अपने मंसूबों को पूरा किया जाएगा, इस पर निश्चित रूप से नई पीढ़ी को विचार करने की जरुरत है.'

उन्होंने कहा 'संसद में भी, मैंने केंद्र के पक्ष को सामने रखा। घंटों तक हमने दोनों सदनों में विपक्ष के नेताओं को सुना। राष्ट्रपति के संबोधन के बाद भी, वे केवल किसानों के विरोध प्रदर्शन पर बात कर रहे थे। उन्होंने कानूनों के बारे में बात नहीं की।'

केंद्रीय मंत्री ने कहा 'यह मुझे दुखी करता है कि जब भी विपक्षी नेता जब बी नए कानूनों के बारे में बहस करते हैं, तो कभी उन बिंदुओं के बारे में बात नहीं करते, जिनका वे विरोध कर रहे हैं।'

उन्होंने कहा 'जब भी बदलाव होता है, तो उसे लागू करना मुश्किल होता है। कुछ लोग मजाक बनाते हैं, कुछ विरोध करते हैं। हालांकि, अगर बदलाव के पीछे नीति और मकसद सही है, तो लोग इन्हें मानेंगे।'

सुप्रीम कोर्ट ने नए कृषि कानूनों के लागू होने पर फिलहाल रोक लगा रखी है। सरकार 18 महीनों के लिए कानूनों को सस्पेंड करने के लिए तैयार है, हालाकि, किसान कानून वापसी की मांग पर अड़े हुए हैं। किसानों के बीच न्यूनतम समर्थन मूल्य बड़े मुद्दों में से एक है। हालांकि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यह साफ कर चुके हैं कि एमएसपी व्यवस्था यहीं रहेगी, लेकिन किसान आंदोलन खत्म करने के मूड में नहीं दिख रहे हैं।