नकदी विवाद: जस्टिस वर्मा के स्थानांतरण पर बार संगठनों की मांग पर विचार करेंगे CJI, हड़ताल पर पुर्नविचार करेंगे वकील

भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) संजीव खन्ना ने बार एसोसिएशनों को आश्वासन दिया कि न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा के तबादले को वापस लेने की उनकी मांग पर विचार किया जाएगा, जिनके आवास से भारी मात्रा में नकदी बरामद हुई थी। यह घटनाक्रम गुरुवार को छह बार एसोसिएशनों के अध्यक्षों द्वारा सीजेआई से मुलाकात के बाद हुआ।

इलाहाबाद बार एसोसिएशन के प्रमुख अनिल तिवारी ने कहा, सीजेआई ने हमें जस्टिस यशवंत वर्मा के तबादले पर हमारी मांग पर विचार करने का आश्वासन दिया है। बार एसोसिएशन के प्रमुखों ने कहा कि सीजेआई ने उनसे कहा कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय में तबादले के बाद भी जस्टिस वर्मा से न्यायिक कार्य वापस ले लिया जाएगा।

आग लगने की घटना के दौरान उनके आवास से नकदी का ढेर बरामद होने के बाद न्यायमूर्ति वर्मा को दिल्ली उच्च न्यायालय से इलाहाबाद उच्च न्यायालय वापस भेज दिया गया था। दिल्ली उच्च न्यायालय की रजिस्ट्री ने न्यायमूर्ति वर्मा को सौंपा गया न्यायिक कार्य भी वापस ले लिया।

हालांकि, सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम के इस फैसले का इलाहाबाद बार एसोसिएशन ने विरोध किया और अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी। एसोसिएशन ने कहा कि वह भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना कर रहे जजों को बर्दाश्त नहीं करेगा।

गुरुवार को मुख्य न्यायाधीश के आश्वासन के बाद बार एसोसिएशन ने कहा कि वह हड़ताल जारी रखने पर पुनर्विचार करेगा।

सीजेआई को दिए गए ज्ञापन में बार संगठनों ने कहा कि न्यायपालिका से भ्रष्टाचार को खत्म किया जाना चाहिए और सीजेआई से मामले में आपराधिक कानून लागू करने का आग्रह किया। बार एसोसिएशनों ने यह भी सवाल उठाया कि 14 मार्च को घटना होने के बावजूद कोई एफआईआर क्यों दर्ज नहीं की गई।