महंगा पड़ेगा ट्रेन में खाना-पीना, यात्रियों को देना होगा 18% GST

ट्रेन में सफर करने वाले यात्रियों को खाने-पीने का सामान खरीदना अब महंगा पड़ने वाला है।
अथॉरिटी ऑफ एडवांस रूलिंग (एएआर) ने केंद्र सरकार के पहले दिए गए आदेश को पलट दिया है।

एएआर ने साफ किया है कि वो ट्रेन को एक रेस्टोरेंट, मेस अथवा कैंटीन नहीं मान सकते हैं। यह यातायात का एक माध्यम है, जिसके जरिए लोग अपना सफर पूरा करते हैं। इससे ट्रेन के अंदर खाना सप्लाई करने वाले लोगों को ज्यादा टैक्स देना होगा। इससे पहले सरकार ने जनवरी में ट्रेन में बिकने वाले खाने-पीने वाले सामान पर 5 फीसदी जीएसटी की दर तय कर दी थी।

प्लेटफॉर्म पर भी देना होगा ज्यादा जीएसटी

एएआर ने अपने फैसले में कहा है कि प्लेटफॉर्म पर बिकने वाले प्रत्येक सामान पर अलग-अलग दर से जीएसटी लगेगा, जिसके दर काउंसिल ने पहले से तय कर रखा है। इसके साथ ही ठंडा या गर्म करके सामान को बेचने पर भी किसी तरह की टैक्स में छूट नहीं मिलेगी। रेलवे को जो भी कंपनी सामान की सप्लाई करेगी, उसे 18 फीसदी जीएसटी देना होगा।

सभी जगह देना होगा जीएसटी

वित्त मंत्रालय से शुक्रवार को यहां जारी एक बयान में बताया गया है कि अब चाहे रेलवे स्टेशन हो, प्लेटफार्म हो या चलती रेलगाड़ी, वहां मिलने वाले खाने-पीने के सामानों पर महज 18 फीसदी ही जीएसटी देय होगा।

लगेगी अवैध वसूली पर लगाम

रेल मंत्री पीयूष गोयल ने गत दिनों ट्रेन और स्टेशन पर खानपान में यात्रियों से अवैध वसूली रोकने के लिए बिल अनिवार्य कर दिया। इस आदेश के बाद जीएसटी में रेलवे का खेल सामने आ गया। स्टेशन पर खानपान में जहां पांच फीसदी जीएसटी वसूला जा रहा है, वहीं इसी खाने पर ट्रेन में 18 फीसदी टैक्स लिया जा रहा है।

शताब्दी-राजधानी में 18 फीसदी जीएसटी

शताब्दी-राजधानी में तो टिकट में ही यात्रियों से 18 फीसदी जीएसटी लिया जा रहा है, जबकि अन्य ट्रेनों में भी खाना खरीदने पर 18 फीसदी जीएसटी लिया जाएगा।