नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को कई राज्यों में बाढ़ नियंत्रण उपायों और सिंचाई परियोजनाओं को बढ़ाने के लिए 11,500 करोड़ रुपये की व्यापक वित्तीय सहायता योजना की घोषणा की। लोकसभा में बजट पेश करते हुए सीतारमण ने इस बात पर प्रकाश डाला कि सरकार त्वरित सिंचाई लाभ कार्यक्रम और अन्य स्रोतों के माध्यम से विभिन्न परियोजनाओं के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करेगी।
इन परियोजनाओं में कोसी-मेची अंतर-राज्यीय लिंक और 20 अन्य चालू योजनाएं शामिल हैं, जिनमें बैराज, नदी प्रदूषण निवारण और सिंचाई परियोजनाएं शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, कोसी से संबंधित बाढ़ शमन और सिंचाई का सर्वेक्षण और जांच की जाएगी।
सीतारमण ने कहा, बिहार में अक्सर बाढ़ आती रहती है, जिनमें से कई बाढ़ देश के बाहर से आती हैं। नेपाल में बाढ़ नियंत्रण संरचनाओं के निर्माण की योजना अभी तक आगे नहीं बढ़ पाई है।
उन्होंने कहा कि असम, जो भारत के बाहर से आने वाली ब्रह्मपुत्र और उसकी सहायक नदियों के कारण हर साल आने वाली बाढ़ से जूझता है, को भी बाढ़ प्रबंधन और संबंधित परियोजनाओं के लिए सहायता मिलेगी।
सीतारमण ने कहा, हम बाढ़ प्रबंधन और संबंधित परियोजनाओं के लिए असम को सहायता प्रदान करेंगे। पिछले वर्ष हिमाचल प्रदेश को हुए व्यापक नुकसान पर प्रकाश डालते हुए सीतारमण ने कहा, हमारी सरकार बहुपक्षीय विकास सहायता के माध्यम से पुनर्निर्माण और पुनर्वास के लिए सहायता प्रदान करेगी।
उत्तराखंड
को भी इसी तरह की सहायता देने का वादा किया गया है, जहां बादल फटने और बड़े पैमाने पर भूस्खलन के कारण काफी नुकसान हुआ है। हाल ही में सिक्किम में विनाशकारी बाढ़ आई थी, जिसने पूरे राज्य में तबाही मचा दी थी। वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार सिक्किम को भी अपनी सहायता देगी।