बाड़मेर : कोरोना ने खत्म किया रिश्तों का मोल, बीमार मां को अस्पताल में छोड़ चले गए बेटे, फॉर्म पर लिखा दामाद का नंबर, हुई मौत

कोरोना महामारी का दौर जारी हैं जिसमें इस बीमारी से तो मौत हो ही रही हैं लेकिन रिश्तों और संवेदनाओं की भी मौत होने लगी हैं। इससे जुड़ी एक घटना देखी गई बाड़मेर में जहां दो बेटे बीमार मां को अस्पताल में छोड़ चले गए और फॉर्म पर दामाद का नंबर लिख गए और सोमवार को महिला की अस्पताल में मौत हो गई। दामाद सुखवीर सिंह ने बताया कि इनके बेटों ने मेरे नम्बर लिखवाकर अपनी ही मां को लावारिस हालात में अस्पताल में छोड़ कर चले गए। इनके बेटों ने मेरा फोन भी नहीं उठाया। ​​​​​​​गौरतलब है कि महिला की सोमवार को मौत होने के बाद उसके बेटों को जानकारी दी गई तब उसका एक बेटा अस्पताल पहुंचा। फिर दामाद और समाज के लोगों ने महिला का अंतिम संस्कार करवाया।

बाड़मेर शहर निवासी बेटे रविवार देर शाम 80 वर्षीय देवी को जिला अस्पताल के इमरजेंसी में भर्ती करवा कर छोड़कर चले गए। दो बेटे कान सिंह और अमर सिंह अपनी मां को बाड़मेर जिला अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में भर्ती करवाकर छोड़कर चले गए। भर्ती फॉर्म पर दामाद के मोबाईल नम्बर लिखवा दिए। इमरजेंसी से कोविड ओल्ड इमरजेंसी वार्ड में भेजा। महिला का ऑक्सीजन लेवल कम था और अस्पताल प्रशासन ने इलाज शुरू कर दिया। करीब पांच घंटे बाद उसका दामाद पहुंचा तथा सास की सुध ली।

विजयसिंह मेल नर्स-2 ने बताया कि कल देर शाम इमरजेंसी वार्ड से कोविड ओल्ड इमरजेंसी वार्ड में महिला को शिफ्ट किया था। उसके साथ कोई परिजन नहीं होने पर मैंने भर्ती फॉर्म पर लिखे नम्बर पर फोन किया तो महिला का दामाद से बात हुई। उन्होंने बेटे के नम्बर दिये और बेटे ने महिला से कोई परिचय नहीं होना बताया तब दुबारा दामाद को फोन लगाया। दामाद ने कहा, मैं तेजमालता गांव में हूं। वहां से आने में टाइम लग जाएगा। सोमवार को उस महिला की मौत हो गई।