भीलवाड़ा : काेराेना व शुगर नहीं हाेने के बाद भी महिला को हुआ ब्लैंक फंगस, दांत में दर्द होने पर हुआ खुलासा

जिले में कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या अब पहले से कम होने लगी है, वहीं ब्लैक फंगस के मरीजों ने चिंता जरूर बढ़ा दी है। आए दिन ब्लैंक फंगस के मामले सामने आ रहे हैं। इससे जुड़ा एक हैरान करने वाला मामला सामने आया भीलवाड़ा में जहां काेराेना व शुगर नहीं हाेने के बाद भी महिला को ब्लैंक फंगस हो गया। दांत में दर्द हुआ ताे महिला ने अस्पताल में दिखाया। डाॅक्टराें ने जांच की ताे उसमें ब्लैक फंगस निकल गया। महिला शुरुआत में घबरा गई लेकिन चिकित्सकाें ने बिना किसी तरह का चीरा लगाए दूरबीन से ही उपचार कर दिया। यह ऑपरेशन महात्मा गांधी जिला अस्पताल में हुआ है। अब महिला स्वस्थ है हालांकि रिकवर हाेने में समय लगेगा।

एमजी अस्पताल के ईएनटी विशेषज्ञ व टीम के वरिष्ठ डाॅक्टर जयराज वैष्णव ने बताया कि 20 दिन पहले दांत का दर्द हुआ था, उसे निकाल दिया था। इसके बाद आंख के पास सूजन व लगातार सिर दर्द हाेने की शिकायत पर जांच करवाई थी। डाॅ. वैष्णव ने बताया कि दाे से तीन दिन की और देर हाे जाती ताे फंगस आंख तक पहुंच सकती थी। अब राहत की खबर यह है कि एमजी अस्पताल में भी इसका उपचार हाे रहा है। साथ ही जरूरत के अनुसार ऑपरेशन भी हाे रहे है। वहीं पहले की तुलना में अब ब्लैक फंगस के मरीज कम भी आने लगे हैं। एमजी अस्पताल में अभी ब्लैक फंगस के 12 मरीज भर्ती है। साथ इसमें 4 का ऑपरेशन किया जा चुका है।

प्रदेश में भीलवाड़ा पहला ऐसा जिला है जहां पर ब्लैक फंगस के लिए सर्वे हुआ है। डाॅ. गाैड़ ने बताया कि सर्वे के दाैरान 70 ऐसे व्यक्ति मिले जिनमें ब्लैक फंगस के लक्षण पाए है। अभी उनका उपचार किया जा रहा है। साथ ही जाे एमजी अस्पताल में काेराेना के दाैरान भर्ती रहे वाले संक्रमित राेगी जिनकाे शुगर था उनकाे फाेन करके ब्लैक फंगस जैसे लक्षण ताे नहीं आ रहे है इसके बारे में पता कर रहे हैं।