जनसंख्या नियंत्रण और समान नागरिक संहिता पर BJP सांसद पेश करेंगे प्राइवेट मेंबर बिल, 24 जुलाई को मिलेगा मौका

संसद के आगामी मानसून सत्र में भारतीय जनता पार्टी के सांसद जनसंख्या नियंत्रण और समान नागरिक संहिता पर प्राइवेट मेंबर बिल पेश करेंगे। यह जानकारी संसद के दोनों सदनों के सचिवालयों से हासिल हुई है।

जनसंख्या नियंत्रण और समान नागरिक संहिता पर प्रस्तावित विधेयक देश में राजनीतिक विमर्श का पुराना मुद्दा रहा है और यह बीजेपी के वैचारिक एजेंडे का हिस्सा भी रहा है।

लोकसभा में उत्तर प्रदेश के गोरखपुर के सांसद रवि किशन और राजस्थान से राज्यसभा के सदस्य किरोड़ी लाल मीणा 19 जुलाई से आरंभ हो रहे संसद सत्र के पहले सप्ताह में जनसंख्या नियंत्रण और समान नागरिक संहिता पर ये प्राइवेट मेंबर बिल पेश करेंगे।

संसद के किसी भी सदन का सदस्य जो कि मंत्रिपरिषद का सदस्य नहीं है, वह निजी विधेयक पेश कर सकता है।

24 जुलाई को मौका मिल सकता है

बगैर सरकार के समर्थन के ऐसे विधेयकों के पारित होने की संभावना बहुत कम होती है। लोकसभा और राज्यसभा सचिवालय से प्राप्त जानकारी के मुताबिक, किशन और मीणा को अपने विधेयकों को पेश करने के लिए 24 जुलाई को मौका मिल सकता है।

जनसंख्या नियंत्रण पर इसी प्रकार का एक विधेयक पेश करने के लिए बीजेपी के राज्यसभा सांसद राकेश सिन्हा ने भी नोटिस दिया है। प्रस्तावित विधेयक में दो से अधिक बच्चे वालों को सरकारी नौकरियों और अन्य सरकारी सहायताओं से वंचित करने का प्रावधान है।

जनसंख्या में बेतहाशा बढ़ोतरी खतरे की घंटी- सिन्हा

विधेयक के बारे में पूछे जाने पर राकेश सिन्हा ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया कि जनसंख्या में बेतहाशा बढ़ोतरी हो रही है और यह खतरे की घंटी है। उन्होंने जोर दिया कि इसके नियंत्रण के लिए एक केंद्रीय कानून की बहुत आवश्यकता है।

ये विधेयक ऐसे समय में लाए जा रहे हैं, जब उत्तर प्रदेश विधि आयोग ने जनसंख्या नियंत्रण को लेकर एक मसौदा विधेयक तैयार किया है और इसे अपनी वेबसाइट पर डालकर लोगों से 19 जुलाई तक सुझाव मांगा है। इसके मुताबिक, दो से अधिक बच्चों के माता-पिता सरकारी नौकरियों, स्थानीय निकाय के चुनावों और सरकारी लाभ से वंचित रहेंगे। (भाषा)