अपनी ही पार्टी के विधायक को जूते से मारने वाले BJP सांसद शरद त्रिपाठी बोले - जो कुछ भी हुआ उसके लिए खेद है, बहुत शर्मिंदगी महसूस कर रहा हूं

उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के संतकबीर नगर (Sant Kabir Nagar) जिले में बीजेपी (BJP) सांसद और विधायक आपस में भिड़ गए। इस दौरान संतकबीर नगर से बीजेपी सांसद शरद त्रिपाठी (BJP MP Sharad Tripathi) ने अपनी ही पार्टी के विधायक राकेश सिंह (BJP MLA Rakesh Singh) को जूते से पीटा। मारपीट का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद भारतीय जनता पार्टी के सांसद शरद त्रिपाठी (Sharad Tripathi) ने घटना पर खेद जताया। उन्होंने न्यूज एजेंसी ANI से कहा, 'मुझे इस घटना पर खेद है और मैं बहुत शर्मिंदगी महसूस कर रहा हूं। जो कुछ भी हुआ वह मेरे सामान्य व्यवहार के खिलाफ था। अगर मुझे राज्य प्रमुख द्वारा बुलाया जाता है तो मैं अपनी बात रख दूंगा।'

शिला पटिटका से सांसद का नाम गायब था

सूत्रों के मुताबिक जिले के मेंहदावल क्षेत्र में सडक निर्माण की शिला पटिटका से सांसद का नाम गायब था, जिसे लेकर बवाल हुआ। बीजेपी के जिलाध्यक्ष सेत भान राय से जब इस बाबत पूछा गया तो उन्होंने बताया कि मंत्री ने उनसे फोन पर बात की और कहासुनी के बारे में बताया। उत्तर प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष महेन्द्र नाथ पाण्डेय ने मामले को गंभीरता से लेकर दोनों को लखनऊ तलब किया है। पाण्डेय ने संतकबीर नगर में मारपीट की घटना को 'अशोभनीय एवं अमर्यादित आचरण' करार दिया। प्रदेश अध्यक्ष ने मामले का गंभीरता से संज्ञान लेते हुए सांसद शरद त्रिपाठी एवं विधायक राकेश सिंह बघेल को तत्काल लखनऊ बुलाया है।

कवि कुमार विश्वास का तंज

उधर, कवि कुमार विश्वास ने यूपी के संतकबीरनगर के सांसद और विधायक के बीच हुई हाथापाई को लेकर तंज कसा है। उन्होंने इस हाथापाई के बाद एक ट्वीट कर कहा कि दो राष्ट्रवादी लोगों में कहासुनी हो गई! एक सांसद एक विधायक! सीमा पर कौन पहले जाए पाकिस्तान से लड़ने शायद यही मुद्दा रहा होगा! आख़िर तक सुनिए वीडियो...आख़िर में अलग-अलग भाषा-बोली में 'भारतमाता की जय' भी शायद सुनाई देगा! ऐसे लोग देश की संसद और विधानसभाओं में ज़रूर भेजते रहें।

अखिलेश यादव ने भी मामले पर तंज कसा

वहीं, यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी मामले पर तंज कसा। उन्होंने ट्वीट किया, 'आज यूपी में विश्व की सबसे अनुशासित राजनीतिक पार्टी का दावा करनेवाली भाजपा के सांसद व विधायक जी के मध्य जूतों का सादर आदान-प्रदान हुआ। यह आगामी चुनावों में अपनी हार से आशंकित भाजपा की हताशा है। सच तो ये है कि लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए भाजपा को प्रत्याशी ही नहीं मिल रहे हैं।