ओम बिरला बने लोकसभा के स्पीकर, पीएम मोदी ने कहा - हम सबके लिए गर्व की बात

लोकसभा में बुधवार को सांसदों ने सदन के स्पीकर के तौर पर बीजेपी के वरिष्ठ नेता और राजस्थान के कोटा से सांसद ओम बिरला (Om Birla) को चुना। ओम बिरला (Om Birla) आज सर्वसम्मति से लोकसभा के स्पीकर बन गए हैं। लोकसभा में आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ओम बिरला (Om Birla) के नाम का प्रस्ताव रखा। बाद में पूरे सदन ने बिरला को ध्वनिमत से अपना समर्थन दिया और फिर कार्यवाहक अध्यक्ष वीरेन्द्र कुमार ने बिरला को स्पीकर घोषित किया। ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी, कांग्रेस, बीजेडी और डीएमके समेत सभी दलों ने बिरला के नाम पर सहमति जताई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आपको (ओम बिरला) इस पद पर आसीन देखना गर्व की बात है।

दरहसल, पहले स्पीकर के लिए संतोष गंगवार और मेनका गांधी का नाम सुर्खियों में था, हालांकि मंगलवार को पीएम मोदी और शाह ने कोटा से भाजपा सांसद ओम बिरला (Om Birla) को स्पीकर पद के लिए नाम आगे किया।

कांग्रेस के नेतृत्व वाले संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) के घटक दलों की मंगलवार शाम बैठक हुई जिसमें लोकसभा अध्यक्ष के चुनाव में राजग उम्मीदवार ओम बिरला का समर्थन करने का फैसला हुआ। 56 वर्षीय ओम बिड़ला (Om Birla) भाजपा की युवा शाखा से जुड़े रहे हैं। वह 2018 में भाजपा राजस्थान इकाई के संगठनात्मक सुधार के प्रभारी भी थे।

बिरला, सुमित्रा महाजन की जगह लेंगे। महाजन ने इस बार चुनाव नहीं लड़ा, क्योंकि वो अब 76 वर्ष की हो गई हैं। यानी भाजपा के 75 वर्ष के कट ऑफ से एक साल ज़्यादा। नए स्पीकर के रूप में बिरला का कार्य मुश्किल भी है और रोचक भी। उन्हें ये सुनिश्चित करना होगा कि निचले सदन का कार्य सुचारू रूप से चले। एक मजबूत राजकोष बेंच और एक संख्याबल में कमज़ोर विपक्षी बेंच के साथ, पार्टियों को उम्मीद है कि बिरला हर किसी की आवाज सुनेंगे।

ओम बिरला के लोकसभा स्पीकर बनने पर पीएम मोदी ने कही ये बात

- पीएम मोदी ने कहा, ''हम सबके लिए गर्व का विषय है कि स्पीकर पद पर आज हम ऐसे व्यक्ति का अनुमोदन कर रहे हैं, जिन्होंने छात्र राजनीति से ही जीवन का सर्वाधिक उत्तम समय, बिना किसी ब्रेक के समाज की किसी न किसी गतिविधि में व्यतीत किया है।''

- पीएम मोदी ने कहा, ''शिक्षा का काशी कहे जाने वाला राजस्थान के कोटा का परिवर्तन, जिसके योगदान से हुआ है वो नाम है श्री ओम बिरला जी। समाज जीवन में कहीं भी पीड़ा उनको नजर आई तो ओम बिरला पहले पहुंचने वाले व्यक्तियों में से रहे हैं।''

- पीएम मोदी ने कहा, ''जब गुजरात में भयंकर भूकंप आया, तब बहुत लंबे समय तक वे कच्छ में रहे, अपने इलाके के युवा साथियों को लेकर आए और पीड़ितों की सेवा का काम किया।''

पीएम मोदी ने कहा, ''जब केदारनाथ का हादसा हुआ तो बिरला अपनी टोली के साथ उत्तराखंड में समाज सेवा के लिए लग गए और अपने कोटा में भी अगर किसी के पास ठंड के सीजन में कंबल नहीं है तो रातभर कोटा की गलियों में निकलकर जन भागीदारी से लोगों को कंबल पहुंचाते हैं।''

- पीएम मोदी ने कहा, ''बिरला ने एक व्रत लिया था कि कोटा में कोई भूखा नहीं सोएगा और वे एक प्रसादम नाम की योजना चलाते हैं जो आज भी चल रही है।''