टिकट न मिलने से नाराज बीजेपी सांसद ने चौकीदार को सौपा इस्तीफा, सपा में शामिल

भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) से टिकट न मिलने से नाराज हरदोई से भाजपा सांसद अंशुल वर्मा ने बुधवार को पार्टी से इस्तीफा दे दिया और इसके बाद वह सपा में शामिल हो गए। वर्मा इसके पहले भाजपा कार्यालय पहुंचे और उन्होंने अपना इस्तीफा वहां चौकीदार को सौंप दिया। इस दौरान उन्होंने कहा, 'विकास किया है, विकास करेंगे, अंशुल थे अंशुल ही रहेंगे, चौकीदार नहीं कहेंगे।' चौकीदार को इस्तीफा सौंपने के सवाल पर उन्होंने कहा, 'आजकल सबसे जिम्मेदार तो चौकीदार ही है, इसलिए मैंने सोचा क्यों न उसे ही अपना इस्तीफा दे दिया जाए। धनकुबेर चौकीदार को इस्तीफा देने का कोई मतलब ही नहीं था।'

अंशुल ने कहा कि अगर विकास ही मानक था तो 24 हजार करोड़ रुपये लगाने की और विकास को आखिरी पायदान से चौथे पायदान पर लाने की उन्हें सजा मिली है।

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि अंशुल के आने से सपा मजबूत होगी। वर्मा ने सपा मुख्यालय में पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव की उपस्थिति में पार्टी की सदस्यता ग्रहण की।

गौरतलब है कि भाजपा ने इस बार वर्मा को टिकट न देकर हरदोई के पूर्व सांसद जय प्रकाश रावत को प्रत्याशी बनाया है।

पार्टी से नाराजगी जाहिर करते हुए उन्होंने कहा, 'सदन में मेरी उपस्थिती 95 प्रतिशत रही है। इसमें मेरा दोष कहा था, यह समझ से परे है।'

इस मौके पर अखिलेश ने अंशुका का पार्टी में स्वागत करते हुए कहा, 'अंशुल वर्मा के आने से सपा मजबूत होगी और लोकसभा चुनाव भाजपा को केवल एक सीट से संतोष करना पड़ेगा। हालांकि वह सीट कौन-सी होगी, इसका पता मई में चलेगा। जब चुनाव परिणाम आएंगे।'

उन्होंने कहा, 'गन्ना किसान अपना भुगतान चाहते हैं, लेकिन उसे नहीं दिया जा रहा है। हमें विश्वास है जनता गठबंधन को ही वोट देगी।'

सपा महासचिव आजम खां की रायफल, पिस्तौल और बंदूक के लाइसेंस निलंबित किए जाने पर अखिलेश ने कहा कि आजम खां के शस्त्रों के लाइसेंस रद्द हुए हैं तो मुख्यमंत्री के भी लाइसेंस रद्द होने चाहिए।

उन्होंने कहा, 'हमारा गठबंधन बहुत मजबूत है। भाजपा राज में बहुत अत्याचार बढ़ा है। इसका परिणाम उसे इस चुनाव में भुगतना पड़ेगा।'

गौरतलब है अंशुल वर्मा ने 2014 हरदोई से 90 हजार वोटों से जीत दर्ज करा कर 10 वर्ष बाद भाजपा के खाते में यह सीट डाली थी। इस बार भी वह टिकट के मजबूत दावेदार थे, लेकिन वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव के बाद दोबारा भाजपाई हुए जय प्रकाश रावत को पार्टी ने टिकट दे दिया।