BJP ने कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए 72 उम्मीदवारों के नामों की पहली सूची जारी की

भारतीय जनता पार्टी ने कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए रविवार देर रात 72 नामों की पहली सूची जारी कर दी है। बीजेपी ने मुख्यमंत्री उम्मीदवार बीएस येदियुरप्पा को शिकारीपुरा से टिकट दिया है। दिल्ली में पार्टी मुख्यालय पर केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक के बाद उम्मीदवारों की सूची जारी की गई है। पूर्व उप मुख्यमंत्री केएस ईश्वरप्पा शिवमोगा से चुनाव लड़ेंगे। इससे पहले उम्मीदवार तय करने के लिए भाजपा के केंद्रीय चुनाव समिति ने लगभग ढाई घंटे मंथन किया। पार्टी अध्यक्ष अमित शाह के नेतृत्व में हुई बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री राजनाथ सिंह, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, कर्नाटक के पूर्व सीएम बीएस येदियुरप्पा के साथ पार्टी के कई और नेता भी शामिल थे।

राज्य की 224 सीटों में से पार्टी ने पहले दौर में लगभग 140 सीटों पर उम्मीदवारों के नाम पर चर्चा की। पार्टी राज्य की सभी सीटों पर चुनाव लड़ेगी। पर उम्मीदवार चयन में वह सामाजिक समीकरणों पर ज्यादा ध्यान दे रही है। राज्य में कांग्रेस सरकार द्वारा लिंगायत समुदाय को अलग धर्म का दर्जा देने की सिफारिश के बाद भाजपा लिंगायत समुदाय के कुछ कद्दावर नेताओं को मैदान में उतार सकती है।

इससे पहले शनिवार देर रात भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने राज्य के कई नेताओं के साथ उम्मीदवारों के नामों को लेकर गहन चर्चा की थी। इस बैठक में पार्टी के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार बीएस येदियुरप्पा, केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार, राज्य के चुनाव प्रभारी प्रकाश जावडेकर मौजूद थे। रविवार दोपहर में एक बार फिर भाजपा अध्यक्ष ने प्रदेश नेताओं के साथ बैठक की। इस दौरान लगभग 140 सीटों पर उम्मीदवार के नाम तय कर लिए गए।

शाम साढे छह बजे से शुरू हुई केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में गहन चर्चा की गई। रात नौ बजे येदियुरप्पा और कर्नाटक के नेता बैठक से चले गए लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अन्य नेताओं के साथ चर्चा जारी रखी। माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री ने हाल के दलित आंदोलन और सामाजिक समीकरणों को लेकर भी चर्चा की है।

पार्टी ने लिंगायत नेता येदियुरप्पा को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित कर रखा है लेकिन कांग्रेस के लिंगायत को अलग धर्म मानने की सिफारिश के दांव से उम्मीदवार तय करने में समस्या आ रही है। पार्टी लिंगायत समुदाय के उन नेताओं पर ज्यादा जोर दे रही है जो सामाजिक रूप से ज्यादा प्रभावी हों। इसके अलावा वह वोकलिगा और दूसरे समुदायों को भी साधे रखने की कोशिश में जुटी है।

गौरतलब है कि कर्नाटक में एक ही चरण में मतदान होंगे और 12 मई को चुनाव होंगे और 15 मई को नतीजे आएंगे। कर्नाटक में 56 हजार पोलिंग स्‍टेशन होंगे।