बिना चीरफाड़ नाक के जरिए डॉक्टरों ने किया ब्लैक फंगस का सफल ऑपरेशन, आधे दिमाग में फैल चुका था म्यूकर माइकोसिस

बिहार के पटना में बिना चीरफाड़ किए नाक के रास्ते से डॉक्टरों ने ब्लैक फंगस (म्यूकर माइकोसिस) का ऑपरेशन किया है। पटना के इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (IGIMS) में बिना चीरफाड़ किए तीन ब्लैक फंगस मरिजों का ऑपरेशन किया गया। अब तीनों मरीज पूरी तरह से स्वस्थ हैं। डॉक्टरों ने बताया कि एक मरीज में कम से कम 3 घंटे का समय लगा.

एक मरीज में लगा 3 घंटे का समय

IGIMS के मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉक्टर मनीष मंडल ने बताया कि ब्रेन सर्जरी का यह तरीका काफी सफल रहा है। इसमें मरीज तेजी से रिकवर हुए हैं। इससे पहले IGIMS में ब्रेन की कई ओपन सर्जरी की गई हैं, लेकिन यह इंडोस्कोपी की अपेक्षा जटिल होती है। डॉ। मनीष मंडल ने बताया कि ब्लैक फंगस के कई जटिल ऑपरेशन अब तक किए गए हैं। हमारे डॉक्टरों ने 26 दिनों में 124 से अधिक सर्जरी कर रिकॉर्ड बनाया है। इसमें कई मरीजों के दिमाग में फंगस बड़ाजाल बना चुका था। ऐसे में ब्रेन की सर्जरी थोड़ी मुश्किल हो जाती है, लेकिन हमने वो कर दिखाया है।

IGIMS के ENT विभाग के HOD डॉ राकेश सिंह बताते हैं कि नाक के रास्ते ब्रेन की सर्जरी कर फंगस को निकालना जटिल होता है। ब्रेन के फ्रंटल लोव में फैले फंगस को नाक के रास्ते सर्जरी से निकाला गया है।

एक मरीज में कम से कम 3 घंटे का समय लगता है। इसमें नाक के रास्ते ब्रेन के उस हिस्से में जाते हैं, जहां फंगस जाल बनाता है। जिन तीन मरीजों की सर्जरी इस विधि से की गई है उनके अंदर संक्रमण का फैलाव ज्यादा हो गया था।

आधे ब्रेन में ब्लैक फंगस बना चुका था जाल

IGIMS में एक ऐसे मरीज की नाक के रास्ते ब्रेन की सर्जरी की गई है, जिसके आधे ब्रेन में ब्लैक फंगस पूरी तरह से जाल बना चुका था। आंखों में अटैक करने के बाद फंगस दिमाग के फ्रंटल लोव तक पहुंच गया था। मरीज की सर्जरी कर ब्रेन के आधे हिस्से में फैल चुके फंगस को निकाला गया है। इस मरीज की आंखों की रोशनी नहीं बच पाई है, लेकिन आंख नहीं निकालनी पड़ी है।

डॉक्टरों का कहना है कि ऑपरेशन में ब्रेन से ब्लैक फंगस को पूरी तरह से साफ कर दिया गया है। इससे मरीज अब खतरे से बाहर है।