कंगना के बयान पर बोले तेज प्रताप यादव, ...अगर आजादी नहीं मिलती तो अंग्रेजों के घर जूते साफ करने पड़ते

बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत के 'भीख में मिली आजादी' और '2014 में देश को मिली आजादी' वाले बयान पर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। अब तेज प्रताप यादव ने कहा कि 2014 में देश को आजादी मिलने की बात कहकर शहीद स्वतंत्रता सेनानियों को अपमानित न करें। साथ ही उन्होंने कहा कि अगर वह देश के लिए बलिदान नहीं देते तो आज भी किसी अंग्रेज के घर पर जूते चप्पल साफ कर रहे होते।

तेज प्रताप यादव ने इसे लेकर के ट्वीट किया है। ट्वीट में तेज प्रताप ने कंगना की एक फोटो भी पोस्ट की है, जिसमें वह फुटवियर के कलेक्शन के साथ नजर आ रही हैं। तेज प्रताप यादव ने अपने ट्वीट में लिखा, 'जब कुछ लोग अंग्रेजों से माफी मांग रहे थे तब देश के वीर फांसी का फंदा चूम रहे थे तो यह कह कर की देश को आजादी 2014 के बाद मिली है देश के खातिर शहीद हुए स्वतंत्रता सेनानियों को तो अपमानित ना करें अगर वह देश के खातिर बलिदान ना देते तो आज भी किसी अंग्रेज के घर में जूते चप्पल साफ कर रहे होते।'

देश की आजादी को लेकर कंगना के विवादस्पद बयान को लेकर बिहार में लगातार विरोध हो रहा है। तेज प्रताप यादव से पहले उनकी बहन रोहिणी आचार्या और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी निशान साध चुके हैं।

रोहिणी ने कंगना के बयान का विरोध करते हुए इंटनेट मीडिया पर लिखा था कि, शहीदों की जान जिसे भीख लगती है, फर्जी झांसी की रानू तू देशद्रोही लगती है। इसके पहले हिन्दुस्तानी आवामी मोर्चा के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने पद्म श्री सम्मान वापस लेने की मांग की थी।

बता दे, कंगना रनौत ने गुरुवार को यह कहकर विवाद उत्पन्न कर दिया था कि भारत को ‘वास्तविक आजादी 2014 में मिली थी' और 1947 में मिली आजादी एक भीख थी। उनका परोक्ष तौर पर इशारा नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा सरकार के सत्ता में आने की ओर था।