बिहार में आज शाम 6 बजे पूर्व उपमुख्यमंत्री और लालू के छोटे पुत्र तेजस्वी यादव के पटना स्थित आवास पर महागठबंधन की बैठक होने जा रही है। इस महत्वपूर्ण बैठक में राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (RLSP) प्रमुख उपेन्द्र कुशवाहा, हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (सेक्युलर) के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी, लोकतांत्रिक जनता दल के अध्यक्ष शरद यादव और वीआईपी (VIP) पार्टी के अध्यक्ष मुकेश सहनी के शामिल होने की संभावना है। गौरतलब है कि इससे पहले लालू प्रसाद यादव से सभी दलों के नेता बारी-बारी मिल चुके हैं और सीटों के बंटवारे पर चर्चा कर चुके हैं। हालांकि अंतिम रूप से किस दल को कितनी सीटें मिली हैं, अभी तक तय नहीं हो पाया है। ऐसा भी माना जा रहा है कि आज इस पर भी चर्चा होगी कि कौन सा दल कहां से अपने उम्मीदवार खड़े करेगा।
सीट शेयरिंग पर होगी चर्चामाना जा रहा है कि आज की बैठक का एजेंडा सीट बंटवारे का फॉर्मूला तय करने को लेकर है। महागठबंधन के घटक दलों के नेताओं के बीच आगामी लोकसभा चुनाव में बिहार की 40 सीटों को लेकर आपस में चर्चा होने की संभावना जताई जा रही है। इस बैठक में सभी दलों के बीच औपचारिक सहमति बनने के बाद सीट साझेदारी के फॉर्म्युले को मूर्त रूप दिया जा सकता है।
ऐसा हो सकता है महागठबंधन का स्वरूपइसके अनुसार, आरजेडी-20, कांग्रेस-10, आरएलएसपी-3, लेफ्ट- 4, हम-1, मुकेश सहनी-1 और शरद यादव को 1 सीट दिए जाने पर मंथन हो रहा है। माना जा रहा है कि कांग्रेस 12 सीटों की मांग पर अड़ी हुई है, वहीं शरद यादव और मांझी भी दो-दो सीटें चाहते हैं। जबकि उपेन्द्र कुशवाहा 4 सीटों से कम पर नहीं मान रहे हैं।
कहा जा रहा है कि महागठबंधन में फूट न पड़े इसके लिए आरजेडी 18 सीटों पर लड़ने की बात मान सकती है। ऐसे में अगर आरजेडी 18 सीटों पर लड़ने को तैयार होती तो कांग्रेस को 11 सीटें दी जा सकती हैं। वहीं बाकी बची एक सीट शरद यादव, कुशवाहा या हम में से किसी को दी जा सकती है। हालांकि अंतिम स्वरूप क्या होगा इस पर अभी भी पेंच फंसा हुआ है।
लालू प्रसाद से मिल चुके हैं बड़े नेताआपको बता दें कि शनिवार को कुशवाहा, मांझी और शरद यादव रांची जाकर राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद से मुलाकात कर चुके है। इससे पहले कांग्रेस नेताओं में पार्टी के झारखंड प्रभारी सुबोधकांत सहाय और बिहार कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शकील अहमद भी लालू प्रसाद से मिल चुके हैं।
विरोधियों का मुंह बंद करने की कवायदनैशनल डेमोक्रैटिक अलायंस (एनडीए) के घटक दलों बीजेपी, जेडीयू और लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) के बीच बिहार में सीट साझेदारी की घोषणा के बाद से सीट शेयरिंग को लेकर महागठबंधन लगातार विरोधियों के निशाने पर है। आरजेडी प्रमुख से घटक दलों के नेताओं की मुलाकात के बाद विपक्ष ने राजनीतिक हमले और भी तेज कर दिए हैं। तेजस्वी के आवास पर सोमवार को प्रस्तावित बैठक को महागठबंधन की सीट बंटवारे पर फॉर्म्युला तय कर अपने विरोधियों का मुंह बंद करने की एक कोशिश के रूप में देखा जा रहा है।
खरमास के बाद होगी सीट बंटवारे की औपचारिक घोषणामहागठबंधन सूत्रों के अनुसार आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद की जमानत याचिका पर अपना फैसला झारखंड हाईकोर्ट द्वारा सुरक्षित रखे जाने के कारण अंतिम तौर पर सीट समझौते को उनकी रिहाई तक टाला जा सकता है, लेकिन 14 जनवरी को खरमास खत्म होने के बाद इसको लेकर औपचारिक घोषणा की भी संभावना जतायी जा रही है।
मांझी ने कहा कि लालूजी के खराब स्वास्थ्य के कारण उन्होंने उनसे राजनीतिक मामलों पर विस्तृत चर्चा करने से परहेज किया। उन्होंने कहा, 'गठबंधन में सभी घटकों को कुछ बलिदान करने के लिए तैयार रहना होगा। हम लोकसभा सीटों की किसी विशेष संख्या पर जोर नहीं दे रहे हैं, हालांकि हम बिहार की 40 लोकसभा सीटों में से कम से कम 20 में अच्छी स्थिति में हैं, हम महागठबंधन की जीत के लिए काम करेंगे।'