नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व मैनेजिंग डायरेक्टर और सीईओ चंदा कोचर की बैंक से रिटायर लाभ की मांग वाली याचिका पर विचार करने से शुक्रवार को इनकार कर दिया। न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और एसवीएन भट्टी की पीठ ने कहा, हस्तक्षेप का मामला नहीं है। हम हाईकोर्ट के आदेश में हस्तक्षेप करने के इच्छुक नहीं हैं। विशेष अनुमति याचिका खारिज की जाती है।
शुरुआत में कोचर की ओर से पेश वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने कहा कि हाईकोर्ट ने बिना किसी चर्चा या निष्कर्ष के याचिका खारिज कर दी है। पीठ ने कहा कि कोर्ट ने इसमें शामिल तथ्यों को देखा है और मामले में किसी हस्तक्षेप की जरूरत नहीं है.
दरअसल, कोचर ने बॉम्बे हाईकोर्ट के 3 मई के आदेश को चुनौती दी थी, जिसने उनकी याचिका यह कहते हुए खारिज कर दी थी कि उन्हें कोई भी अंतरिम राहत देने से बैंक को अपूरणीय क्षति और पूर्वाग्रह होगा।
सीबीआई की अर्जी पर 11 को सुनवाईजस्टिस बेला एम. त्रिवेदी की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट की एक अन्य पीठ ने कोचर की अंतरिम जमानत को चुनौती देने वाली सीबीआई की याचिका पर सुनवाई स्थगित कर दी। इस पर अब 11 दिसंबर को सुनवाई होगी।
ज्ञातव्य है कि आईसीआईसीआई बैंक से सेवानिवृत्ति लाभ की मांग करते हुए कोचर ने अपनी याचिका में विभिन्न दस्तावेजों और अदालत के आदेश का हवाला दिया है और कहा कि बैंक द्वारा दायर मुकदमे में प्रथम दृष्टया कोई मामला नहीं पाया गया. शीर्ष अदालत के समक्ष उनकी याचिका में हाईकोर्ट की एकल जज पीठ द्वारा पारित नवंबर 2022 के आदेश का भी हवाला दिया गया।
हाईकोर्ट की एकल न्यायाधीश पीठ ने कोचर को निर्देश दिया था कि वह 2018 में खरीदे गए बैंक के 6.90 लाख रुपये के शेयरों का सौदा न करें। हाईकोर्ट के समक्ष अपनी याचिका में, कोचर ने 2018 में बैंक द्वारा उनकी प्रारंभिक रिटायरमेंट स्वीकार करने पर उन्हें बिना शर्त प्रदान किए गए अधिकारों और लाभों के विशिष्ट प्रदर्शन की मांग की।
याचिका में कहा गया है कि बैंक पहले ही सेवानिवृत्त हो चुके किसी व्यक्ति को बर्खास्त नहीं कर सकता। उन्हें बिना शर्त दिए गए लाभों में कर्मचारी स्टॉक विकल्प शामिल थे जो 2028 तक प्रयोग योग्य थे।
गौरतलब है कि मई 2018 में बैंक ने वीडियोकॉन ग्रुप को 3,250 करोड़ रुपये के आउट-ऑफ-टर्न लोन देने में उनकी कथित भूमिका के बारे में एक शिकायत के बाद कोचर के खिलाफ जांच शुरू की, जिससे उनके पति दीपक कोचर को फायदा हुआ। इसके बाद कोचर छुट्टी पर चली गईं और बाद में समय से पहले रिटायरमेंट के लिए आवेदन किया, जिसे स्वीकार कर लिया गया था।