जम्मू-कश्मीर: कांग्रेस को लगा झटका, गुलाम नबी आजाद खेमे के 7 बड़े नेताओं ने दिया इस्तीफा, अनसुनी का आरोप

कई राज्यों में उठापटक का सामना कर रही कांग्रेस को अब जम्मू कश्मीर में बड़ा झटका लगा है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद खेमे से जुड़े पदाधिकारियों ने अपने-अपने पदों से इस्तीफा दे दिया है। कांग्रेस के पूर्व 4 मंत्रियों और तीन मौजूदा विधायकों ने पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को सामूहिक इस्तीफा भेजा है। उन्होंने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गुलाम अहमद मीर पर कई तरह के आरोप लगाया है। त्यागपत्र में कहा गया है कि मीर की अध्यक्षता में कांग्रेस लगातार पिछड़ती जा रही है। अनदेखी के कारण कई नेता पहले ही इस्तीफा दे चुके हैं। मिली जानकारी के अनुसार जिन विधायकों और पूर्व मंत्रियों ने पार्टी से इस्तीफा दिया है, वे G-23 में शामिल नेता गुलाम नबी आजाद के करीबी हैं। गुलाम नबी आजाद कई बार कांग्रेस में अध्यक्ष के चुनाव और अन्य सुधार के लिए आवाज उठाते रहे हैं।

सूत्रों के मुताबिक इन नेताओं ने इस्तीफे का लेटर सोनिया गांधी के अलावा राहुल गांधी और जम्मू कश्मीर प्रभारी रजनी पाटिल को भी भेजा है। गुलाम अहमद मीर पर सीधा निशाना साधते हुए नेताओं ने कहा कि उनकी वजह से ही जम्मू-कश्मीर में आज पार्टी की हालत खराब है। बागी नेताओं ने कहा मीर के कमजोर नेतृत्व के चलते अब तक जम्मू-कश्मीर में कांग्रेस के 200 नेता पार्टी से पलायन कर चुके हैं। जिन प्रमुख लोगों ने इस्तीफा सौंपा है, उनमें जीएम सरूरी, जुगल किशोर शर्मा, विकार रसूल, डॉ मनोहर लाल शर्मा, गुलाम नबी मोंगा, नरेश गुप्ता, सुभाष गुप्ता, अमीन भट, अनवर भट, इनायत अली और अन्य शामिल हैं।

हालांकि, गुलाम नबी आजाद के ही करीबी नेता और पूर्व डिप्टी सीएम ताराचंद ने पूरे घटनाक्रम से दूरी बना ली है। इस्तीफा देने वाले नेताओं का कहना है कि उनकी ओर से कई बार राज्य में पैदा हुई समस्याओं पर बात करने के लिए शीर्ष नेतृत्व को संदेश दिया गया, लेकिन कोई जवाब ही नहीं मिला।

नेताओं ने कहा कि उनकी ओर से करीब एक साल से लीडरशिप से मुलाकात के लिए समय की मांग की जा रही थी, लेकिन टाइम ही नहीं दिया गया। यही नहीं नेताओं ने कहा कि अगस्त में राहुल गांधी जब आए थे, तब भी उनसे मिलने का समय मांगा गया था, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला।