भरतपुर: अक्षय तृतीया पर श्री बांके बिहारी मंदिर में चंदन से होगा ठाकुरजी का शृंगार, भक्तों के लिए विशेष आयोजन

अक्षय तृतीया के पावन अवसर पर भरतपुर स्थित प्रसिद्ध श्री बांके बिहारी मंदिर में एक भव्य धार्मिक आयोजन का आयोजन किया जा रहा है। इस दिन ठाकुरजी का शृंगार विशेष रूप से चंदन से किया जाएगा। मंदिर में स्थापित श्री बांके बिहारी जी के विग्रह पर दो किलो चंदन का लेप किया जाएगा। इस विशेष चंदन को जयपुर से 10,000 रुपए प्रति किलो की दर से मंगवाया गया है। इसकी महक से पूरा मंदिर महक उठेगा, जिससे भक्तों को दिव्य अनुभव होगा।

पुजारी रामभरोसी भारद्वाज ने बताया कि 30 अप्रैल को अक्षय तृतीया के दिन भक्तों में विशेष श्रद्धा होती है। धार्मिक मान्यता के अनुसार इस दिन किया गया कोई भी धार्मिक कार्य अत्यधिक फलदायी होता है और पुण्य की कोई भी क्रिया अक्षय रहती है। इस दिन भगवान श्री कृष्ण के रूप श्री बांके बिहारी जी का चंदन से शृंगार करना एक परंपरा बन चुकी है, जो न केवल भक्तों के मन को शांति देती है, बल्कि वातावरण को भी दिव्य बना देती है।

चंदन का धार्मिक महत्व और लेप की प्रक्रिया

पुजारी रामभरोसी ने बताया कि चंदन का लेप भारतीय संस्कृति में अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। विशेष रूप से भगवान विष्णु और उनके अवतार श्री कृष्ण को चंदन प्रिय हैं। चंदन को शीतलता, पवित्रता और आध्यात्मिक शुद्धता का प्रतीक माना जाता है। गर्मी के मौसम में भगवान को चंदन का लेप अर्पित करने का महत्व दोगुना हो जाता है, जो न केवल भगवान की शीतलता का प्रतीक होता है, बल्कि भक्तों को शांति और आध्यात्मिक आनंद भी प्रदान करता है। इस बार चंदन जयपुर से विशेष रूप से मंगवाया गया है, जिससे इस आयोजन की विशेषता और बढ़ गई है।

चरणामृत वितरण

पुजारी रामभरोसी ने बताया कि इस विशेष अवसर पर भक्तों के लिए चंदन का चरणामृत भी तैयार किया जाएगा। इसे भक्तों में वितरित किया जाएगा, ताकि उन्हें भगवान के दिव्य आशीर्वाद का पान हो सके। अक्षय तृतीया के दिन चरणामृत का सेवन विशेष रूप से पुण्यकारी माना जाता है, जो जीवन में सुख, समृद्धि और शांति का वास करता है।

विशेष सजावट और भव्य पूजा अर्चना


पुजारी ने कहा कि अक्षय तृतीया के दिन मंदिर को फूलों, दीपों और रंग-बिरंगे आभूषणों से सजाया जाएगा, जिससे मंदिर में दिव्यता और भक्ति का अनुपम संगम होगा। दिन भर भजन, कीर्तन और धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा, जिनमें भक्त श्री बांके बिहारी के भक्तिमय गीतों का आनंद लेंगे। रात्रि में विशेष आरती का आयोजन किया जाएगा, जिससे भक्तों को एक अद्भुत आध्यात्मिक अनुभव प्राप्त होगा।