देश में लॉकडाउन का फायदा / सरकार का दावा - 29 लाख मामले टले, 78 हजार लोगों की बची जान

देश में कोरोना के मामले लगातार बढ़ रहे है। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक, पिछले 24 घंटे में 6654 नए मामले सामने आए हैं और 137 लोगों की मौत हुई है। इसके बाद देशभर में कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़कर 1,25,101 हो गई है, जिसमें से 69,597 सक्रिय मामले हैं, 51,784 लोग ठीक हो चुके हैं और 3,720 लोगों की मौत हो चुकी है। शुक्रवार को महाराष्ट्र में एक दिन में सबसे ज्यादा 2940 मरीज मिले। केरल में मिले नए संक्रमितों में से 17 विदेश और 21 महाराष्ट्र से लौटे थे। वहीं, दिल्ली में 660, तमिलनाडु में 786, गुजरात में 363, मध्यप्रदेश में 189, उत्तरप्रदेश में 220, राजस्थान में 267, कर्नाटक में 138, बिहार में 179 और ओडिशा में 86 मरीज मिले। इनके अलावा 217 मरीज और हैं, लेकिन वे किस राज्य से हैं इसकी जानकारी प्राप्त नहीं हो सकी है। कोरोना संक्रमण 26 राज्यों और 7 केंद्र शासित प्रदेशों में फैला है। इनमें से सबसे ज्यादा प्रभावित 5 राज्यों में ही 86 हजार से ज्यादा, यानी 73% मरीज हैं।

29 लाख मामले टल गए और 78 हजार लोगों की जान बच गई

वहीं, इस बीच सरकार का मानना है कि लॉकडाउन की वजह से कोरोना के 29 लाख मामले टल गए और 78 हजार लोगों की जान बच गई। स्टैटिस्टिक्स एंड प्रोग्राम इम्प्लीमेन्टेशन मिनिस्ट्री के सेक्रेटरी प्रवीण श्रीवास्तव ने अलग-अलग स्टैटिस्टिकल मॉडल्स के अनुमानों के आधार पर ये आंकड़े बताए। ये लॉकडाउन के पहले दो फेज में हुए फायदे का अनुमान है।

श्रीवास्तव ने अलग-अलग आंकड़े भी बताए

बॉस्टन कंसल्टिंग ग्रुप का अनुमान है कि लॉकडाउन से कोरोना के 36 लाख से 70 लाख तक केस टल गए और 1.2 लाख से 2.1 लाख जिंदगियां बच गईं।

पब्लिक हेल्थ फाउंडेशन ऑफ इंडिया के मुताबिक 78 हजार लोगों की जान बची।

दो स्वतंत्र अर्थशास्त्रियों का अनुमान है कि 23 लाख केस टले और 68 हजार मौतें टल गईं।
कुछ एक्सपर्ट का मानना है कि लॉकडाउन से कोरोना के 15 लाख मामले टले और 51 हजार लोगों की जिंदगी बचीं। इनमें से ज्यादातर अनुमान मुनासिब हैं।

80% कोरोना के एक्टिव केस 5 राज्यों में

श्रीवास्तव ने कहा कि यह तो पक्का है कि अगर लॉकडाउन नहीं होता तो तो जितना फायदा हुआ, वह नुकसान में बदल जाता। कोरोना पर सरकार के एम्पावर्ड ग्रुप-1 के चेयरमैन वी के पॉल के मुताबिक, कोरोना के 80% एक्टिव केस 5 राज्यों में हैं जबकि 60% एक्टिव केस 5 शहरों में हैं। लॉकडाउन ने इन्फेक्शन की रफ्तार रोकी है, 3 अप्रैल से कोरोना के मामलों में तेज गिरावट आई।