बैंकॉक की 33 मंजिला गगनचुंबी इमारत ढहने पर उठे सवाल, क्या इसमें चीन का हाथ?, सरकार ने दिए जांच के आदेश

म्यांमार में हाल ही में 7.7 तीव्रता का भूकंप आया, जिसमें 1700 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी। इस विनाशकारी भूकंप ने पूरे देश में भारी तबाही मचाई। इसके प्रभाव से थाईलैंड के बैंकॉक में एक 33 मंजिला गगनचुंबी इमारत भी ढह गई। अब इस भूकंप के कारणों की जांच की जा रही है कि यह कैसे और क्यों आया। थाईलैंड के उप प्रधानमंत्री अनुतिन चर्नविराकुल ने शनिवार को घटनास्थल का दौरा किया और तत्काल जांच के आदेश दिए। इस हादसे ने कई लोगों के मन में सवाल खड़े कर दिए कि आखिर इस ऊंची इमारत में क्या तकनीकी गड़बड़ी थी। बताया जा रहा है कि इसका निर्माण एक चीनी कंपनी के साथ संयुक्त उद्यम के तहत किया जा रहा था, और अब इस चीन समर्थित निर्माण फर्म की भी जांच की जा रही है।

क्या गड़बड़ी थी इमारत में?


33 मंजिला यह गगनचुंबी इमारत भूकंप के तेज झटकों को सहन नहीं कर पाई और ढह गई, जबकि अन्य ऊंची इमारतें सुरक्षित रहीं। अब तक मलबे से आठ शव बरामद किए जा चुके हैं। इस हादसे पर सवाल उठने लगे हैं कि आखिर यह इमारत इतनी जल्दी कैसे गिर गई। डेमोक्रेट पार्टी के सिविल इंजीनियर और राजनीतिज्ञ प्रोफेसर सुचाचावी सुवानसावास ने द टेलीग्राफ यूके से बातचीत में कहा कि कुछ न कुछ निश्चित रूप से गड़बड़ था। उन्होंने आगे कहा, 'यदि आप अन्य इमारतों को देखें, यहां तक कि निर्माणाधीन ऊंची इमारतें भी सुरक्षित खड़ी हैं। इसका मतलब या तो डिजाइन में गलती थी या फिर निर्माण प्रक्रिया में गड़बड़ी हुई थी। हालांकि, इस पर कोई निष्कर्ष निकालना अभी जल्दबाजी होगी।'

थाईलैंड के प्रधानमंत्री ने दिए जांच के आदेश

थाईलैंड के उप प्रधानमंत्री अनुतिन चर्नविराकुल ने इस हादसे की तुरंत जांच के निर्देश दिए हैं और विशेषज्ञों की एक टीम को सात दिनों के भीतर इमारत ढहने के कारणों का पता लगाने का समय दिया गया है। ब्रिटेन के टेलीग्राफ की रिपोर्ट के अनुसार, एसएओ बिल्डिंग का निर्माण इटैलियन-थाई डेवलपमेंट पीएलसी (आईटीडी) और चाइना रेलवे नंबर 10 (थाईलैंड) लिमिटेड के संयुक्त उद्यम के तहत किया जा रहा था। इसमें चीनी कंपनी की 19% हिस्सेदारी थी। थाईलैंड के पुलिस कमांडर तीरासाक थोंगमो ने बताया कि उनकी टीम पुलिसकर्मियों और बचाव कुत्तों की मदद से मलबे में जीवित बचे लोगों की तलाश में जुटी हुई है। उन्होंने कहा, 'हमारी प्राथमिकता उन सभी लोगों को सुरक्षित बाहर निकालना है, जो अभी भी जीवित हो सकते हैं।'