महाराष्ट्र के पिंपरी चिंचवड़ में इंद्रायणी नदी पर बना पुराना पुल ढहा, एक की मौत, कई लोगों के फंसे होने की आशंका

महाराष्ट्र के पिंपरी चिंचवड़ शहर में रविवार को एक दर्दनाक हादसे में इंद्रायणी नदी पर बना एक पुराना पुल अचानक ढह गया। घटना के वक्त पुल पर मौजूद कई लोग नदी के तेज बहाव और मलबे में फंस गए। अब तक एक व्यक्ति की मौत की पुष्टि हुई है, जबकि 10–15 लोगों के फंसे होने की आशंका है। यह हादसा मानसून की पहली तेज बारिश के बीच हुआ।

यह हादसा पिंपरी चिंचवड़ के मावल तालुका स्थित कुंडमाला क्षेत्र में रविवार दोपहर उस समय हुआ, जब भारी बारिश के चलते नदी का जलस्तर बढ़ गया था। स्थानीय लोगों के अनुसार, यह पुल काफी पुराना था और लंबे समय से जीर्ण स्थिति में था। घटना के वक्त पुल पर कई राहगीर और दोपहिया वाहन सवार लोग मौजूद थे। अचानक पुल ढह गया और लोग नदी में गिर पड़े।

हादसे में नुकसान और राहत कार्य

पुलिस और दमकल विभाग ने तुरंत मौके पर पहुंचकर राहत और बचाव कार्य शुरू किया। अब तक एक व्यक्ति के शव को बरामद किया गया है, जबकि कई अन्य लोगों की तलाश की जा रही है। एनडीआरएफ और राज्य आपदा मोचन बल (SDRF) की टीमें भी राहत कार्य में जुटी हैं। घटनास्थल के पास नदी का बहाव काफी तेज है जिससे बचाव अभियान में मुश्किलें आ रही हैं।

प्रशासन की प्रतिक्रिया

मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने हादसे पर दुख व्यक्त करते हुए अधिकारियों को तत्काल राहत पहुंचाने और स्थिति की निगरानी करने का निर्देश दिया है। पिंपरी चिंचवड़ नगर निगम ने आश्वासन दिया है कि दोषियों की जिम्मेदारी तय की जाएगी। नगर आयुक्त शेखर सिंह ने कहा कि “पुल की स्थिति पहले से ही कमजोर थी और इसकी जांच की जा रही थी।”

स्थानीय लोगों में नाराज़गी


इस घटना के बाद स्थानीय लोगों में प्रशासन के खिलाफ गुस्सा है। उनका कहना है कि पुल की हालत खराब होने के बावजूद इसे बंद नहीं किया गया। कई सामाजिक कार्यकर्ताओं ने निगम प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया है।

सम्भावित कारण

मौजूदा जानकारी के अनुसार, यह पुल करीब 50 साल पुराना था और हालिया बारिश के कारण उसकी नींव कमजोर हो चुकी थी। बारिश का दबाव और पुल की जर्जर हालत मिलकर यह हादसा हुआ।

यह घटना एक बार फिर यह दिखाती है कि देशभर में जर्जर बुनियादी ढांचे की समय पर मरम्मत न होना कितनी बड़ी त्रासदी का कारण बन सकता है। प्रशासन को चाहिए कि ऐसे सभी पुराने पुलों और संरचनाओं का तुरंत निरीक्षण कर आवश्यक कदम उठाए जाएं ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को टाला जा सके।