केंद्र सरकार ने पीएफआई यानी पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया पर बैन लगा दिया है। दिल्ली-यूपी से लेकर देश के अलग-अलग ठिकानों पर ताबड़तोड़ एक्शन के बाद केंद्र सरकार ने UAPA के तहत इस संगठन को गैरकानूनी घोषित कर दिया है। गृह मंत्रालय ने पीएफआई को 5 साल के लिए प्रतिबंधित संगठन घोषित किया। बताया जा रहा है कि जांच एजेंसियों की ओर से टेरर लिंक के पुख्ता सबूत मिलने के बाद ही गृह मंत्रालय ने यह कार्रवाई की है। पीएफआई के अलावा 8 सहयोगी संगठनों पर भी कार्रवाई की गई है।
बता दे, 22 सितंबर और 27 सितंबर को NIA, ED और राज्यों की पुलिस ने PFI पर ताबड़तोड़ छापेमारी की थी। पहले राउंड की छापेमारी में 106 PFI से जुड़े लोग गिरफ्तार हुए थे। दूसरे राउंड की छापेमारी में 247 PFI से जुड़े लोग गिरफ्तार/हिरासत में लिए गए। जांच एजेंसियों को PFI के खिलाफ पर्याप्त सबूत मिले। इसके बाद जांच एजेंसियों ने गृह मंत्रालय से कार्रवाई की मांग की थी। जांच एजेंसियों की सिफारिश पर गृह मंत्रालय ने PFI पर बैन लगाने का फैसला किया है।
इन संगठनों पर भी लगाया बैन PFI के अलावा रिहैब इंडिया फाउंडेशन (RIF), कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया (CFI), ऑल इंडिया इमाम काउंसिल (AIIC), नेशनल कॉन्फेडरेशन ऑफ ह्यूमन राइट्स ऑर्गनाइजेशन (NCHRO), नेशनल वीमेन फ्रंट, जूनियर फ्रंट, एम्पावर इंडिया फाउंडेशन और रिहैब फाउंडेशन, केरल जैसे सहयोगी संगठनों पर भी बैन लगाया गया है।
पीएफआई का गठन 2006 में किया गया था और वह भारत में हाशिये पर मौजूद वर्गों के सशक्तिकरण के लिए नव सामाजिक आंदोलन चलाने का दावा करता है। हालांकि, कानून प्रवर्तन एजेंसी का दावा है कि पीएफआई कट्टर इस्लाम का प्रसार कर रहा है। इस संगठन का गठन केरल में किया गया था और इसका मुख्यालय दिल्ली में है।
पीएफआई अभी दिल्ली, आंध्र,प्रदेश, असम, बिहार, केरल, झारखंड, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल, राजस्थान, हरियाणा, तमिलनाडु, तेलंगाना, मध्य प्रदेश में एक्टिव है।