ये एक गलती भारी पड़ी अलकायदा सरगना जवाहिरी को, अमेरिका ने उसी का उठा लिया फायदा, CIA ने यूं किया काम तमाम

अलकायदा के सरगना अयमान अल जवाहिरी को अफगानिस्‍तान की राजधानी काबुल में बने उसके सुरक्षित ठिकाने पर अमेरिका ने ड्रोन से मिसाइल हमला करके मार गिराया है। जवाहिरी पहले पाकिस्‍तान में छिपा हुआ था लेकिन तालिबान की सरकार आने के बाद वह काबुल पहुंच गया था। बताया जा रहा है कि तालिबानी गृह मंत्री और कुख्‍यात आतंकी सिराजुद्दीन हक्‍कानी ने उसे अपने एक बेहद सुरक्षित अड्डे में पनाह दी थी। अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि जवाहिरी को बार-बार अपने घर की बाल्‍कनी पर आने की आदत थी जो उसे भारी पड़ गई।

बाल्‍कनी में आने की आदत की वजह से अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए के अधिकारियों को जवाहिरी के काबुल में छिपे होने की भनक लग गई और उन्‍होंने रिपर ड्रोन से R9X Hellfire Missile दागकर जवाहिरी का काम तमाम कर दिया। इस हमले में हक्‍कानी के बेटे और दामाद के भी मारे जाने की खबरें आ रही हैं। जवाहिरी लादेन का निजी डॉक्‍टर भी था। बताया जा रहा है कि तालिबानी गृहमंत्री शिराजुद्दीन हक्‍कानी ने जवाहिरी को शरण दे रखी थी। इस हमले में हक्‍कानी के एक रिश्‍तेदार कमांडर के भी मारे जाने की खबर है। जवाहिरी के साथ उसका परिवार भी इसी मकान में रह रहा था। बाइडन के आदेश पर अमेरिका ने गत शुक्रवार को सटीक हमला किया और उसे मार गिराया। अधिकारियों ने बताया कि इस हमले के दौरान कोई भी अमेरिकी सैनिक काबुल में मौजूद नहीं था। अमेरिकी अधिकारियों ने कहा कि तालिबान को जवाहिरी के बारे में जानकारी थी जो दोहा समझौते का सीधा-सीधा उल्‍लंघन था। अमेरिकी अधिकारियों ने कहा कि इस हमले में जवाहिरी के परिवार को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है। अमेरिका ने इस हमले के बारे में तालिबान को कोई जानकारी नहीं दी थी।

अमेरिकी हमले के बाद तालिबान सरकार भड़क कई है और उसने अमेरिका को चेतावनी दी है। तालिबान के प्रवक्‍ता जबीउल्‍लाह ने कहा कि 31 जुलाई को काबुल शहर के शेरपुर इलाके में एक हवाई हमले को अंजाम दिया गया। इस हमले की प्रकृति के बारे में पहले पता नहीं चला लेकिन सुरक्षा और खुफिया एजेंसियों ने मामले की जांच की। शुरुआती जांच में पता चला है कि इसे अमेरिका के ड्रोन ने अंजाम दिया था। जवाहिरी की मौत पर जबीउल्‍ला ने कहा कि तालिबान सरकार इस हमले की कड़ी निंदा करती है और इसे अंतरराष्‍ट्रीय सिद्धांतों और दोहा समझौते का स्‍पष्‍ट उल्‍लंघन है।

इस जोरदार सफलता के बाद अमेरिकी राष्‍ट्रपति ने कहा कि हम अपने दुश्‍मनों को यह बताना चाहते हैं कि वे कहीं भी छिपे होंगे हम उन्‍हें मार गिराएंगे। जवाहिरी 71 साल का हो गया था और वह लादेन की मौत के बाद 11 साल से लगातार अपने वीडियो जारी करके दुनिया को धमकियां दे रहा था। अमेरिका ने जवाहिरी के खिलाफ करोड़ों रुपये का इनाम घोषित कर रखा था। बाइडन ने कहा कि अब इंसाफ हो गया है। उन्‍होंने बताया कि अमेरिकी खुफिया एजेंसी को 6 महीने पहले ही जवाहिरी के अफगानिस्‍तान पहुंचने की खबर लग गई थी। वह अपने परिवार के साथ रहने के लिए पहुंचा था।