पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का स्मारक ‘सदैव अटल' आज (मंगलवार को) देश को समर्पित किया जाएगा। आज अटल जी जयंती भी है। यह स्थल 7 एकड़ में फैला है, जिसमें अटलजी की समाधि स्थल के लिए 1.5 एकड़ जमीन दी गई। अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिन 25 दिसंबर को पहली प्रार्थना सभा अटल स्मृति न्यास की तरफ से रखी गई है। इसमें राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और प्रधानमंत्री समेत विपक्षी दलों के नेताओं को भी आमंत्रित किया गया है। ‘अटल स्मृति न्यास सोसायटी’ के मुताबिक, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अन्य मशहूर हस्तियां राजघाट के नजदीक स्मारक पर प्रार्थना सभा में हिस्सा लेंगी। सोसायटी ने ही उनके स्मारक ‘सदैव अटल’ को बनाया है। राष्ट्रीय स्मृति स्थल कॉम्प्लेक्स में पूर्व राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह, आर वेंकटरमन, शंकर दयाल शर्मा, केआर नारायण, पूर्व प्रधानमंत्री आईके गुजराल, पीवी नरसिंह राव, चंद्र शेखर की समाधियां हैं।
एक अधिकारी ने बताया कि राष्ट्रीय स्मृति स्थल पर एक खाली जमीन को केंद्रीय आवास एवं शहरी विकास मंत्रालय ने मुहैया कराया। इसका निर्माण केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (सीपीडब्ल्यूडी) ने 10.51 करोड़ रुपये की लागत से करवाया। उन्होंने कहा कि परियोजना का वित्त पोषण अटल स्मृति न्यास सोसायटी ने किया। अधिकारी ने कहा, ‘‘अटल के विचार और दृष्टिकोण देश के लोगों के लिए प्रेरणास्रोत हैं। लोगों को इस महान हस्ती को श्रद्धासुमन अर्पित करने में सहयोग करने के लिए सोसायटी ने उनकी समाधि को विकसित करने की पहल की।’’
अटल स्मृति न्यास के अध्यक्ष प्रोफेसर विजय कुमार मल्होत्रा ने भास्कर से बातचीत में बताया कि समाधि निर्माण में अटल जी के पर्यावरण प्रेम को ध्यान में रखा गया। इस तरह से समाधि बनाई गई है कि एक भी पेड़ काटने की जरूरत नहीं पड़ी। सदैव अटल समाधि निर्माण में भव्यता का भी ध्यान रखा गया है। निर्माण में लाइटिंग का इस्तेमाल किया गया है। समाधि पर कमल के फूल आकार में एक पारदर्शी पत्थर लगाया गया है, जिसमें रात को लाइट ज्योति की तरह दिखाई देती है। समाधि के चारों तरफ 8 दीवारें हैं, जिस पर, मौत की उम्र क्या? दो पल भी नहीं, जिंदगी-सिलसिला, मैं जी भर जिया जैसी अटलजी की कविताएं लिखीं हुई हैं।