ट्रेन ड्राईवर को कचौरी की ऐसी चाहत की बीच रास्ते बंद कर देता हैं इंजन, फाटक पर खड़े लोगों को होती हैं परेशानी

सरकारी तंत्र को सुचारू रूप से चलाने के लिए सरकारी कर्मचारियों का ईमानदारी से काम करना जरूरी हैं। लेकिन कई ऐसे मामले देखने को मिलते हैं जहां कर्मचारी अपनी मनमर्जी चलाते हैं। इसका एक हैरान करने वाला मामला सामने आया अलवर से जहां ट्रेन का लोको पायलट कचौरी के लिए बीच में ही इंजन बंद कर देता हैं जिसकी वजह से कई लोगों को फाटक पर बहुत देर इन्तजार करना पड़ता हैं। मामला हैं अलवर के दाउदपुर फाटक का जहां एक ट्रेन के लोको पायलट को हर दिन कचौरी खाने की ऐसी तलब लगती है कि वह रेल फाटक पर इंजन खड़ा कर देता है। मथुरा पैसेंजर ट्रेन अलवर जंक्शन पर पहुंचती है तो यहां उसका इंजन चेंज होता है। इंजन चेंज करने के लिए दाउदपुर फाटक से आगे तक जाना पड़ता है। इस दौरान इंजन जब वापस आ रहा होता है, तब कचौरियों का पैकेट लेने के लिए लोको पायलट इंजन को गेट के पास रोक देता है। गेटमैन फाटक के पास की दुकान से कचौरियां लाता है और लोको पायलट को दे देता है। इसके बाद ही इंजन वहां से आगे बढ़ता है।

लोको पायलट को कचौरियां पहुंचाने वाले फाटक पर तैनात रेलवे कर्मी का इस बारे में कहना है कि कुछ ही मिनटों के लिए तो इंजन रुकता है, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। वहीं, जयपुर डीआरएम नरेंद्र कुमार ने कहा कि मामला सामने आने के बाद जानकारी ली जा रही है। जांच शुरू कर दी है। अब एक्शन लिया जाएगा। अलवर स्टेशन अधीक्षक आरएल मीणा ने कहा, 'इंजन या ट्रेन को लोको पायलट अपनी मर्जी से नहीं रोक सकता। उसे कुछ अबनॉर्मल लगे तो रोक सकता है। कचौरी के लिए इस तरह इंजन रोकना गलत है। शंटिंग के समय भी इंजन की स्पीड तय होती है। उसी के अनुसार चलाना होता है।'

जब तक कचौरी लेकर लोको पायलट इंजन आगे नहीं बढ़ाता, तब तक लोग दोनों तरफ इंतजार करते रहते हैं। फाटक बंद होने पर हर दिन यहां सैकड़ों लोगों को परेशानी होती है। लोगों का कहना है कि सुबह का समय सभी के लिए बेहद अहम होता है। किसी को अस्पताल पहुंचना होता है तो किसी को स्कूल। ये लोग ऐसे समय में कचौरी लेने-देने के लिए इंजन रोक देते हैं। इनको कोई कुछ कहने वाला नहीं है।