असम में आज से हटेगा कर्फ्यू, इंटरनेट सेवाएं भी होंगी बहाल

नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ असम में कई जगहों पर प्रदर्शन हुआ, जिसके बाद प्रशासन ने कुछ संवेदनशील इलाकों में कर्फ्यू लगा दिया था और इंटरनेट सेवाएं ठप कर दी थी। पूर्वोत्तर के कई राज्यों में भारी संख्या में पुलिसबलों की तैनाती की गई थी। हालाकि, अब स्थितियां धीरे-धीरे सामान्य हो रही हैं। अधिकारियों ने मंगलवार से गुवाहाटी में दिन का कर्फ्यू हटाने का फैसला किया है। असम में इंटरनेट सेवा भी बहाल की जाएगी। हिंसा के बाद राज्य में इंटरनेट बंद कर दिया गया था।

असम के मंत्री हेमंत बिस्वसरमा ने दावा किया है कि मंगलवार से असम के हर हिस्से से कर्फ्यू पूरी तरह हटा लिया जाएगा। रात में भी कर्फ्यू नहीं लगाया जाएगा। ब्रॉडबैंड और इंटरनेट कनेक्टिविटी सेवाएं कल से ही बहाल कर दी जाएंगी। असम सरकार ने राज्य में शांति बहाली के बाद कर्फ्यू हटाने का फैसला किया गया है।

आपको बता दे, असम में 16 दिसंबर तक इंटरनेट सेवाओं को बंद किया गया था। इसके अलावा स्कूल और कॉलेज को भी बंद करने का ऐलान किया गया था। अधिकारियों ने दावा किया कि परिस्थिति सामान्य होने पर ही इंटरनेट सेवाएं बहाल की जाएंगी। हालांकि बंद के बाद भी शनिवार को कुछ इलाकों में कुछ घंटो के लिए ब्रॉडबैंड सेवाएं चालू हो गई थीं। इससे पहले गुवाहाटी में नागरिकता संशोधन एक्ट के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे AASU एडवाइज़र समुजल भट्टाचार्य, महासचिव लुरिनज्योति गोगोई समेत 1000 से अधिक प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया गया।

वही दिल्ली के जामिया मिल्लिया इस्लामिया में पुलिस कार्रवाई और नागरिकता (संशोधन) कानून के खिलाफ सोमवार को देश के कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन हुए। प्रदर्शन का समर्थन नेता और सामाजिक कार्यकर्ता भी करते नजर आए। कहीं-कहीं ये प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहे, तो कहीं हिंसक रूप ले लिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इन प्रदर्शनों को दुखद एवं निराशाजनक बताया और शांति की अपील की। कांग्रेस की पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के नेतृत्व में कांग्रेस ने इंडिया गेट पर मूक प्रदर्शन किया। प्रियंका ने कहा कि छात्रों पर हमला भारत की आत्मा पर वार है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने एक बयान में आरोप लगाया कि भाजपा हिंसा और बंटवारे की जननी है।

दिल्ली पुलिस की कार्रवाई को लेकर आईआईटी कानुपर, आईआईटी मद्रास और आईआईटी मुंबई में भी प्रदर्शन हुए। आईआईएम, अहमदाबाद, भारतीय विज्ञान संस्थान, बेंगलूरू के छात्रों ने भी प्रदर्शन में हिस्सा लिया। इसके साथ ही मुंबई स्थित टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज में भी प्रदर्शन हुआ। आईआईएम, बेंगलूरू के छात्रों ने जामिया के छात्रों के खिलाफ हुई पुलिसिया कार्रवाई का विरोध करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है।