सजा सुनते ही फुट फुट कर रोने लगे आसाराम, फैसले पर पीड़िता के पिता ने बोली यह बात

नाबालिग से रेप मामले में आसाराम को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। जबकि इस मामले में बाकी दो और दोषियों शिल्पी उर्फ संचिता गुप्ता(सेविका), शरदचंद्र उर्फ शरतचंद्र को अदालत ने 20-20 साल की सजा सुनाई है। इस मामले में फैसला एससी/एसटी मामलों के विशेष न्यायाधीश मधुसूदन शर्मा ने जोधपुर सेंट्रल जेल में सुनाया। आसाराम इसी जेल में पिछले 5 साल से बंद है। जैसे ही कोर्ट ने आसाराम की सजा का ऐलान किया, अपनी सजा सुन आसाराम कोर्ट में ही रो पड़ा।

इससे पहले कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए शिवा उर्फ सवाराम (आसाराम का प्रमुख सेवादार), प्रकाश द्विवेदी (आश्रम का रसोइया) को बरी कर दिया था। कोर्ट ने माना है कि आसाराम ने ही नाबालिग से बलात्कार किया था।

कोर्ट रूम में भी था बेचैन

कोर्ट रूम में जब आसाराम के ऊपर सुनवाई की जा रही थी उस वक्त आसाराम के चेहरे पर बहुत बेचैनी थी। फैसले से पहले उसका चेहरा उतरा हुआ था। उस वक्त घबाराहट में वो लगातार बस राम नाम और हरिओम का जाप कर रहा था। कोर्ट में सुनवाई के दौरान आसाराम करीब डेढ़ घंटे तक शिवा उर्फ सवाराम के कंधे पर हाथ रखकर खड़ा ही रहा था।

15 अगस्त 2013 का था रेप केस :

इस मामले में अंतिम सुनवाई एससी/एसटी की विशेष अदालत में सात अप्रैल को पूरी हुई थी और अदालत ने फैसले को सुरक्षित रखते हुए 25 अप्रैल को सुनाने की बात कही थी। आसाराम को उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर की एक किशोरी की शिकायत पर गिरफ्तार किया गया था। पीड़िता आसाराम के मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा आश्रम में अध्ययन करती थी। पीड़िता का आरोप था कि आसाराम ने जोधपुर के पास मनाई इलाके में अपने आश्रम में बुलाकर उससे 15 अगस्त, 2013 को रेप किया था।

पीड़िता के पिता ने कहा कि अब हमें न्याय मिला

फैसले पर पीड़िता के पिता ने कहा कि अब हमें न्याय मिला है। कोर्ट की तरफ से उन लोगों को भी न्याय मिला है जिनका कत्ल कर दिया गया था या अपहरण किया गया था। पीड़ित के परिजन का कहना है कि मैं उन सभी लोगों को धन्यवाद देना चाहता हूं जिन्होंने इस लड़ाई में मेरी मदद की और साथ खड़े रहे।

आसाराम के वकील विकास पाहवा

कोर्ट का फैसला आने के बाद आसाराम के वकील विकास पाहवा ने कहा कि अभी मैंने फैसले की कॉपी नहीं देखी है, इसलिए कुछ ज्यादा नहीं कह सकता। बचाव पक्ष लगातार यह कहता रहा कि पीड़िता की आयु 18 वर्ष से कम है, लेकिन वह 18 वर्ष से अधिक की है, इसके पर्याप्त सबूत हैं। पीड़िता के बयानों में भी विरोधाभास था।

आसाराम के वकील ने कहा है कि फैसले की कॉपी देखने के बाद उसका विश्लेषण किया जाएगा। वहीं आसाराम की प्रवक्ता नीलम दुबे ने कहा है कि हमें न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है। हम अपनी लीगल टीम से बात करने के बाद अगला कदम उठाएंगे।