केजरीवाल तीसरी बार लेंगे CM पद की शपथ, इन खास 50 मेहमानों पर रहेगी सबकी नजर

रामलीला ग्राउंड अरविंद केजरीवाल की शपथ के लिए सजकर तैयार है और अरविंद केजरीवाल आज तीसरी बार दिल्ली के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। केजरीवाल के साथ उनके 6 मंत्री भी शपथ लेंगे। समारोह कई मायनों में खास होगा। अरविंद केजरीवाल ऑडियो और वीडियो के जरिए दिल्लीवालों से अपील कर रहे हैं कि ज्यादा से ज्यादा लोग उनके शपथ समारोह में पहुंचे। मैदान में करीब 45 हजार कुर्सियां लगाई गई हैं। सभी कुर्सियां किसी वीआईपी गेस्ट के लिए नहीं बल्कि दिल्ली की उस जनता के लिए लगाई गई हैं जिसने दिल्ली के सिंहासन पर आम आदमी पार्टी को एक बार फिर बैठा दिया है। मैदान में इस बार कोई टेंट नहीं लगाया गया है, ताकि शपथ ग्रहण आसानी से देखा जा सके। इसके साथ ही मैदान में 12 बड़ी एलईडी स्क्रीन लगाई गई हैं। पूरे मैदान में साउंड सिस्टम लगाए गए हैं। विधायकों और अधिकारियों के लिए अलग एंक्लोजर बनाया गया है। इसके अलावा रामलीला मैदान में कई केबिन भी बनाए गए हैं। दिल्ली के चुनावी परिणामों से अरविंद केजरीवाल काफी गदगद हैं। इसीलिए उन्होंने तय किया है कि रामलीला मैदान में होने वाले उनके इस शपथ समारोह में जनता ही मुख्य रूप से उनकी मेहमान होगी। शपथ समारोह के मंच पर दिल्ली को संवारने में योगदान देने वाले 50 विशेष अतिथि भी रहेंगे। इनमें डॉक्टर, टीचर्स, बाइक ऐम्बुलेंस राइडर्स, सफाई कर्मचारी, कंस्ट्रक्शन वर्कर्स, बस मार्शल, ऑटो ड्राइवर आदि हैं।

युधिष्ठिर राठी: बाइक ऐम्बुलेंस के जरिए फर्स्ट एड देते हैं। किसी की जान बचाना ही वो जिंदगी का अचीवमेंट मानते हैं।

मीनाक्षी: पति पुलिस अफसर थे। ड्यूटी के दौरान पिछले साल मौत हुई। बताती हैं कि शहीदों के लिए फंड बेहद सराहनीय है।

सुमन: 2017 में सिलेंडर ब्लास्ट हुआ। फायर फाइटर हरिओम गहलोत ने 10 लोगों को बचाया, अपनी जिंदगी दांव पर लगा दी। शहीद की पत्नी सुमन को सरकार ने एक करोड़ रुपये दिए।

गजराज सिंह: 20 साल से बस कंडक्टर का काम कर रहे हैं। जब उन्हें निमंत्रण मिला, पहले लगा कोई फोन कर बेवकूफ बना रहा है। लेकिन बहुत खुश हैं और परिवार के साथ समोराह में जाएंगे।

निधि गुप्ता:
मेट्रो पायलट हैं। सूझबूझ से सही समय पर ब्रेक लगाया और लड़की की जान बच गई।

मन्नी देवी:
पति गुजारीलाल एक हादसे में शहीद हो गए। सरकार ने 1 करोड़ रुपये दिए, ताकि बेटे की देखभाल कर सकें।

शबीना नाज: 3 साल पहले शेल्टर होम के पास एक बच्चा मिला। मां-बाप नहीं मिले। अब वो खुद हर महीने उस बच्चे से मिलती हैं, जहां बच्चा रहता है।

लाजवंती:
9 साल से सफाई कर्मचारी हैं। शहर को साफ रखने के काम को लाजवंती गॉड गिफ्ट मानती हैं।

गीता देवी: बस मार्शल बनकर लोगों को सुरक्षा दे रही हैं। 23 अक्टूबर 2019 में पॉकेटमार को मोबाइल चुराते देखा और बहादुरी दिखाते हुए पकड़ लिया।

सुंदरलाल: बस कंडक्टर हैं। इस बात के गवाह कि पिछले सालों में दिल्ली में कैसे ट्रांसपोर्ट में सुधार हुआ।

डॉ. बृजेश कुमार: श्री दादा देव मैत्री और शिशु चिकित्सालय में मेंडिकल सुप्रीटेंडेंट हैं। उन्हें कई अवॉर्ड मिल चुके हैं।

डॉ. सीएस वर्मा:
हैपीनेस करिकुलम के कमिटी के कोर मेंबर में हैं। 2013 में उन्हें बेस्ट टीचर का अवॉर्ड भी मिला था।

शंकर सिंह: सॉफ्टवेयर इंजिनियर हैं। 2019 में वृक्षित फाउंडेशन की स्थापना की। लोगों को साफ-सफाई और पर्यावरण बचाने को लेकर जागरूक करते हैं।

राहुल वर्मा: कॉम्प्लिकेशंस के साथ बेटे का जन्म था। एक साल में 11 बार उसका ऑपरेशन करना पड़ा था। उदय फाउंडेशन की स्थापना की, जिससे हर तबके के लोगों को हेल्थ सुविधाएं मिल सकें।

रतन जमशेद बाटलीबोई: बांद्रा वर्ली सी लिंक प्रोजेक्टसे जुड़े रहे हैं। सिग्नेचर ब्रिज के निर्माण में अहम भूमिका रही है।

विजय सागर: 15 साल से कंस्ट्रक्शन वर्कर हैं। दिल्ली के इन्फ्रास्ट्रक्चर के विकास में योगदान दे रहे हैं।

कृष्णा जुरेल: 10 साल पहले वह सीसीटीवी इंस्टॉलेशन के बिजनस में आए। सीसीटीवी प्रोजेक्ट में सुपरवाइजर बतौर पर काम किया।

प्रमोद कुमार महतो: जनकपुरी और विकासपुरी में दिल्ली के सरकार के स्कूलों के निर्माण काम में लगे हैं।

योगेश दुआ:
रामा रोड, करमपुरा इंडस्ट्रियल एरिया में एक फैक्ट्री शुरू की। तब से इलेक्ट्रॉनिक्स के क्षेत्र में उनकी कंपनी एक जानामाना नाम है।

नवनीत कालरा दयाल:
'दयाल ऑप्टिकल्स' के प्रमुख हैं। वह खान चाचा और टाउन हॉल जैसे फेमस रेस्तरां भी चलाते हैं। उनका मानना है कि दूसरे दिल्ली में व्यापार करना आसान हो रहा है।

मुरारी झा: आरके पुरम के सर्वोदय स्कूल में टीचर हैं। 2017 में स्पेशल अवॉर्ड भी मिला था। एजुकेशन मॉडल को बेहतर बनाने के लिए उन्हें 2018 में फुलब्राइट टीचिंग स्कॉलरशिप भी मिली थी।

सुरेश व्यास:
हजारों डांस शो कर चुके हैं। बताते हैं कि विधायक के कोटे से कलाकारों को फायदा हुआ है।

ख्याति गुप्ता: 181 हेल्पलाइन के लिए काम करती हैं। उनकी वजह से महिलाओं को मदद मिलती है तो खुश होती हैं।

गीता देवी: आंगनवाड़ी वर्कर गीता के मुताबिक 5 साल में बड़े बदलाव हुए हैं। महिलाओं के लिए काम किया है।

अनिल:
डोरस्टेप डिलिवरी सुपरवाइजर अनिल बताते हैं कि इस स्कीम से कैसे लोगों की जिंदगी आसान हुई है।

चरण सिंह: यमुना किनारे खेती करते हैं। मानते हैं कि यमुना भी साफ हो जाएगी।

अरुण जुनेजा:
पीएनबी से रिटायर्ड हुए। प्रिंसिपल हैं। बैंकिंग एक्सपर्ट के नाते स्टूडेंट्स को जागरुक कर रहे हैं।

डॉ. उत्कर्ष: रानीबाग स्थित पॉलिक्लिनिक का कार्यभार संभाल रहे हैं। कई प्रोजेक्ट पर काम किया है।

रीना: पति सिक्यॉरिटी गार्ड हैं। साल 2017 से आशा वर्कर हैं। कई काम किए हैं।• मीना कुमारी: महिला आयोग के कई रेस्क्यू ऑपरेशन में योगदान रहा है।

अजीत कुमार: 12वीं के बाद आईटीआई कोर्स पूरा नहीं कर सके, क्योंकि पिता का अचनाक निधन हो गया था।

लक्ष्मण चौधरी: पिछले 15 सालों से ऑटो चला रहे हैं। ऑटो ड्राइवर्स को लिगल राइट्स को लेकर जागरुक कर रहे हैं।

प्रिजिथ रेख: केरल से हैं। इंजीनियर रहते हुए सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट जैसे कई प्रोजेक्ट पर बखूबी काम कर रहे हैं।

नजमा:
आशा वर्कर हैं। आगनबाड़ी स्कीम को लेकर जागरुक कर रही हैं।

शशि शर्मा:
महिलाओं को हेल्थ को लेकर जागरुक कर रही हैं। डिलिवरी पेशंट पर सबसे अधिक फोकस रहता है।

पारितोष जोशी:
दिल्ली ट्रांस्को में हैं, बुनियादी ढांचे के लिए काम किया है।

विजय कुमार:
आईआईटी दिल्ली में पढ़ रहे विजय को जय भीम मुख्यमंत्री प्रतिभा विकास योजना से मदद मिली।

शशि:
पिछले साल नीट की परीक्षा पास की थी। वह भी जय भीम मुख्यमंत्री प्रतिभा विकास योजना की लाभार्थी हैं।

सुमित नागल: इंटरनैशनल टेनिस प्लेयर सुमित 12वीं के स्टूडेंट हैं और पहली से 10वीं तक पढ़े हैं। दिल्ली सरकार की योजना से भी सुमित को मदद मिली।

लक्ष्मीकांत शर्मा: 20 साल तक भारतीय वायु सेना में सेवा देने के बाद लक्ष्मी कांत शर्मा सर्वोदय कन्या विद्यालय में एस्टेट मैनेजर हैं। स्कूल के इंफ्रास्ट्रक्चर और मेंटनेंस की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं।

सोनू गौतम: उनकी संस्था भाईचारा फाउंडेशन ब्लड डोनेशन से लेकर स्टूडेंट्स को स्टडी मटीरियल देती है। फरिश्ते स्कीम में कई घायलों को अस्पताल पहुंचाया।

डॉ. अलका:
पहले मोहल्ला क्लिनिक की इंचार्ज हैं। पीरागढ़ी में 10 हजार लोगों की आबादी को स्वास्थ्य सुविधाएं दे रही हैं।

वीके गुप्ता:
जल बोर्ड के चीफ इंजीनियर हैं। उपलब्धि अवैध कॉलोनियों में सीवर और पानी की लाइन बिछाना रही है।

ब्रज पाल: PWD के असिसटेंट इंजिनियर बताते हैं कि 5 साल पहले स्कूलों की हालत खराब थी और अब वे प्राइवेट स्कूलों से मुकाबला कर रहे हैं।

मोहम्मद ताहिर: टेलर हैं। अपने बच्चों के स्कूल सर्वोदय विद्यालय की SMC टीम के वह उपाध्यक्ष हैं। बजट तय करते हैं।

दलबीर सिंह: किसानों का ट्यबवैल पर खर्च घटा। वह कहते हैं कि अब सोलर पैनल पर फोकस करना चाहिए।

मुख्यमंत्री के शपथ ग्रहण समारोह में पीएम मोदी को भी आमंत्रित किया गया है। हालांकि पीएम मोदी रविवार को वाराणसी में कई परियोजनाओं का उद्घाटन करने वाले हैं। इसके अलावा AAP ने चुनाव परिणाम के दिन पार्टी कार्यालय परिसर में अपने पिता के साथ केजरीवाल के पुराने गेटअप में पहुंचे एक साल के 'छोटे मफलरमैन' अव्यान तोमर को भी खासतौर से आमंत्रित किया है।

आपको बता दें कि अरविंद केजरीवाल का इस रामलीला ग्राउंड से बहुत पुराना नाता है। ये वही रामलीला मैदान है, जहां से अरविंद केजरीवाल इतने बड़े राजनीतिक चेहरा बने। यहीं से उन्होंने राजनीति की पाठशाला में एंट्री ली थी, और यहीं से दिल्ली का सिंहासन हासिल किया था। साल 2013 में भ्रष्टाचार के विरुद्ध अन्ना आंदोलन के मुख्य कर्णधारों में अरविंद केजरीवाल भी थे। आंदोलन चला, आंदोलन खत्म हुआ, अन्ना वापस रालेगण सिद्धि लौट गए, मगर अरविंद डटे रहे। इस मैदान से अरविंद ने पार्टी बनाने का ऐलान किया। चुनाव लड़े, चुनाव जीते और पहली बार इसी राम लीला मैदान से मुख्यमंत्री की शपथ ली। यही नहीं दूसरी बार भी अरविंद केजरीवाल ने इसी रामलीला मैदान से मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। अब एक बार फिर यानी तीसरी बार इसी रामलीला मैदान से वो शपथ लेने के लिए तैयार हैं।