नई दिल्ली। आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के बीच कृष्णा नदी पर स्थित नागार्जुन सागर बांध के पानी को लेकर स्थिति बेहद तनाव पूर्ण हो गई है। दोनों राज्यों के बढ़ते विवाद को देखते हुए गृह मंत्रालय ने केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल को तैनात कर दिया गया है। तेलंगाना मुख्य सचिव शांति कुमारी ने आंध्रप्रदेश सरकार पर बांध कब्जा का आरोप लगाया है। इस मामले में आंध्रप्रदेश पुलिस के खिलाफ भारतीय दंड संहिता के तहत मामला दर्ज किया है।
मुख्य सचिव शांति कुमारी ने बताया है कि तेलंगाना चुनाव से एक दिन पहले 29 नवंबर को आंध्रप्रदेश के करीब 500 सशस्त्र से अधिक पुलिसकर्मियों ने आधी रात में बांध पर धावा बोलकर कब्जा कर लिया था। पुलिसकर्मियों ने सीसीटीवी भी क्षतिग्रस्त कर दिया है। इन्होंने बांध के गेट नंबर 5 और 7 को खोलकर करीब पांच हजार क्यूसेक पानी छोड़ दिया। इससे दो करोड़ लोग प्रभावित होंगे। इससे हैदराबाद सहित कई क्षेत्रों में पेयजल की पूर्ति बाधित हो जाएगी।
कृष्णा नदी पर बने नागार्जुन सागर बांध को लेकर 2014 से विवाद चल रहा है। कृष्णा नदी पर बना यह बांध पहले संयुक्त आंध्रप्रदेश में थे लेकिन 2014 में तेलंगाना और आंध्र प्रदेश अलग हो गए। इसके बाद इसके पानी में हिस्सेदारी को लेकर तभी से विवाद हो गया। कृष्णा नदी के 66 प्रतिशत पानी पर आंध्रप्रदेश जबकि 34 प्रतिशत तेलंगाना का हक है।
आंध्र प्रदेश के सिंचाई मंत्री अंबाती रामबाबू ने कहा कि अपने अधिकारों की रक्षा के लिए बांध के हिस्से पर हमने नियंत्रण लिया है। कृष्णा नदी के 66 फीसदी पानी पर हमारा हक है। यह गलती नहीं हमारा हक और हम इसकी रक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं। यह एक संवेदनशील मुद्दा है। कोई भी विवाद हम नहीं चाहते हैं।
तेलंगाना-आंध्रप्रदेश के बीच बढ़ते विवाद को देखते हुए केंद्र सरकार ने सीआरपीएफ को तैनात कर दी है। केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने इस मामले को लेकर दोनों राज्यों के मुख्य सचिव से वीडियो कॉन्फ्रेंस की है। दोनों राज्यों से 28 नवंबर तक नागार्जुन सागर का छोड़ा हुआ पानी वापस करने की अपील की है। अब बांध की निगारानी भी सीआरपीएफ को सौंप दी है। दोनों राज्यों इस पर सहमत हो गए हैं।
कृष्णा नदी पर बना नागार्जुन सागर बांध तेलंगाना के नलगोंडा जिले में स्थित है। इस बांध की ऊंचाई 124.663 मीटर है। इसके 26 द्वार हैं। इस बांध में 11,472 मिलियन क्यूबिक मीटर पानी है। इतने पानी से 9.81 लाख एकड़ भूमि की सिंचाई हो सकती है। बांध की कुल लंबाई 16 किलोमीटर है। इससे बिजली भी बनाई जाती है।