अमृतसर ट्रेन हादसा : रेलवे ने जारी किए हेल्पलाइन नंबर, इन नंबरों पर मिल सकेगी पूरी जानकारी

रेलवे ने अमृतसर में शुक्रवार को ट्रेन से हुए हादसे के पीड़ितों के परिजनों के लिए एक हेल्पलाइन नंबर जारी किया है। अधिकारियों ने बताया कि 01832223171 और 01832564485 नंबरों पर फोन करके हादसे के बारे में जानकारी ली जा सकती है। मनावला स्टेशन का फोन नंबर 0183-2440024, 0183-2402927 और फिरोजपुर का हेल्पलाइन नंबर 01632-1072 है।

पंजाब के अमृतसर में दशहरे के दौरान बड़े हादसे की खबर है। अमृतसर के जौड़ा फाटक में ये हादसा उस समय हुआ, जब ट्रैक के पास रावण का पुतला जलाया जा रहा था। हावड़ा मेल और एक डीएमयू ट्रेन के एकाएक आने से ये हादसा हुआ। इस हादसे में तक़रीबन 100 लोगों के मारे जाने की खबर है। कहा जा रहा है कि लोग ट्रैक पर खड़े होकर रावण दहन देख रहे थे। उसी समय ट्रेन आ गई। लोग ट्रेन से बचने के लिए दूसरी तरफ गए, लेकिन उसी दौरान दूसरी ट्रैक पर भी ट्रेन आ गई।

मौके पर मौजूद लोगों ने बताया कि इस यह हादसा प्रशासन और दशहरा समिति के गलतियों का नतीजा है। जब ट्रेन आ रही थी, तब ट्रेन को हॉर्न बजाना चाहिए था। लोगों को अलार्म के जरिए ट्रेन के बारे बताया जाना चाहिए था। इससे लोग बच सकते थे। लोगों ने बताया कि प्रशासन को सुनिश्चित करना चाहिए था कि ट्रेन यहां पर धीमी हो जाए। कहा जा रहा है कि रावण दहन के कारण ट्रैक पूरी तरह से लोगों से भरा हुआ था। इसी दौरान ट्रेन आ गई। ट्रैन के चपेट में आने से मृतकों का आंकड़ा बढ़ सकता है। घायलों को अस्पताल ले जाया जा रहा है। अमृतसर के पास जौड़ा बाजार में हुए हादसे के बाद लोग डर गए हैं। मौके पर रेलवे के आलाअधिकारी पहुंच चुके हैं। घटनास्थल पर बचाव कार्य जारी है। घायलों को एंबुलेस के जरिए घायलों को अस्पताल पहुंचाया जा रहा है। बताया जा रहा है कि यह ट्रेन पठानकोट से अमृतसर जा रही थी।

चश्मदीदों का कहना है कि लोग ट्रेक पर खड़े होकर रावण दहन देख रहे थे। इसी दौरान दोनों ट्रैक पर ट्रेन आने से लोगों में भगदड़ मच गई। इसी कारण इस हादसे में मरने वालों की संख्या बढ़ सकती है। कहा जा रहा है कि इस कार्यक्रम को स्थानीय पार्षद ने आयोजित किया था। इसमें पंजाब के मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर भी आई हुई थीं।

इस घटना के बाद से ही मौके पर चीख पुकार मच गई, बदहवास लोग अपने करीबियों को तलाशने लगे। क्षत-विक्षत शव घटना के घंटों बाद भी घटनास्थल पर ही पड़े थे क्योंकि नाराज लोग प्रशासन को शव हटाने नहीं दे रहे थे। कई शवों की पहचान भी नहीं हो सकी। जमीन पर क्षत-विक्षत शव पड़े हुए थे।

इस घटना के बाद परेशान लोगों ने अपने दिल दहलाने वाले अनुभव साझा किये। एक गमगीन महिला ने कहा,‘मैंने अपना नाबालिग बेटा खो दिया। मुझे मेरा बेटा लौटा दो ।’ एक स्थानीय शख्स ने कहा,‘कई बार हमनें अधिकारियों और स्थानीय नेताओं से कहा कि इस मुद्दे को रेलवे के साथ उठाएं कि दशहरे के दौरान फाटक के पास ट्रेनों की गति को कम रखा जाए, लेकिन किसी ने हमारी बात नहीं सुनी।’ एक अन्य व्यक्ति ने कहा कि पटाखों के शोर की वजह से लोगों को आ रही ट्रेन की आवाज नहीं सुन सकी।

इस घटना के बाद देश भर में शोक की लहर फैल गई। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोगों की मौत पर दुख व्यक्त किया है। मोदी ने अधिकारियों को तत्काल सहायता पहुंचाने के निर्देश दिये हैं।

पीएम मोदी ने ट्वीट में कहा, 'अमृतसर में ट्रेन हादसे से बेहद दुखी हूं। यह दुख भरी घटना दिल दहलाने वाली है।' उन्होंने कहा, ‘मेरी संवेदनाएं उन परिवारों के साथ हैं जिन्होंने अपने परिजन को खोया है और मैं घायल लोगों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं। जरूरतमंद लोगों को तत्काल सहायता पहुंचाने का निर्देश अधिकारियों को दिया गया है।'

कोविंद ने कहा, 'पंजाब के अमृतसर में रेल की पटरी पर हुए हादसे की खबर सुनकर दुखी हूं। मैं समझता हूं कि भारतीय रेलवे और स्थानीय अधिकारी प्रभावित लोगों को मदद पहुंचा रहे होंगे।'

पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने शुक्रवार को अमृतसर ट्रेन दुर्घटना में मारे गए लोगों के परिजनों के लिए पांच लाख रूपये मुआवजे की घोषणा की और कहा कि वह राहत एवं बचाव अभियान के व्यक्तिगत निरीक्षण के लिए मौके पर जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने दुर्घटना में घायल हुए सभी लोगों के लिए मुफ्त इलाज की घोषणा की है।