अमित शाह की कार्रवाई से घबराई ISI, जम्मू कश्मीर में बनाया नया अलगाववादी ग्रुप, शामिल हुए लश्कर के कई आतंकी

आतंकियों और अलगावादियों के खिलाफ सुरक्षा एजेंसियों की लगातार कार्रवाई से घबराई पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई (ISI) ने जम्मू कश्मीर में नया अलगाववादी ग्रुप बनाया है। पाकिस्तान ने कश्मीर के कुछ अलगवादियो की मदद से चोरी छुपे एक और अलगाववादी ग्रुप बनाने में लगा हुआ है। ज़ी न्यूज़ की खबर के अनुसार पकिस्तान ने इस नए ग्रुप में लश्कर के आतंकियों को भी शामिल किया है। आइएसआई की मदद से बने इस ग्रुप को कश्मीर के साथ साथ जम्मू में सेना और सुरक्षाबलों के खिलाफ बड़े प्रदर्शन की जिम्मेदारी दी गई है। रिपोर्ट के मुताबिक नए ग्रुप का प्रेसिडेंट इरशाद अहमद मालिक को बनाया गया है जिसके बारे में कहा जा रहा है की वो पूर्व में लश्कर का आतंकी रह चुका है।

आतंकियों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति

गृह मंत्री का पद संभलाने के बाद से ही अमित शाह एक्शन में हैं। गृह मंत्रालय से जुड़े सूत्रों ने ये साफ़ कर दिया था की आतंक और अलगावादियों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की पालिसी लगातार जारी रहेगी। बीते दिनों सुरक्षाबलों और राज्यपाल सत्यपाल मलिक से उन्होंने मुलाकात की थी। एनआईए ,इनकम टैक्स और प्रवर्तन निदेशालय कश्मीर में फैले भ्रष्टाचार और टेरर फंडिंग के खिलाफ कमर कस चुकी है जिससे आतंकी बौखलाए हुए है। एनआईए ने कई बड़े अलगवादी नेताओं को जेल में डाल दिया है जिसके बाद से कश्मीर में आतंक की कमर टूट रही है। ख़ुफ़िया एजेंसियों ने कुछ दिनों पहले केंद्र सरकार को भेजे रिपोर्ट में बता या था कि कश्मीर में रमजान के दौरान अलगाववादी गुट फंडिंग की कमी को पूरा करने के लिए ज़कात का सहारा ले रहे है ।यही नहीं नेपाल के रास्ते से भी आतंकियों को पैसे मिल रहे है ऐसे में पाकिस्तान कश्मीर में आतंकियो को मदद करने के लिए हर कोशिश में लगा हुआ है।

2019 में अब तक 103 आतंकी ढेर

2019 में (जनवरी से 6 जून तक) भारतीय सुरक्षाबलों ने जम्मू-कश्मीर में 103 आतंकियों को मार गिराया। वहीं, इस दौरान पाकिस्तान ने 1,170 बार सीजफायर का उल्लंघन किया। न्यूज एजेंसी ने रक्षा विभाग के सूत्रों के हवाले से बताया कि 2018 में भारतीय सुरक्षाबलों के द्वारा मारे गए आतंकियों की संख्या 254 थी। इस दौरान पाकिस्तान ने 1,629 बार सीजफायर उल्लंघन किया था।

2017 में ऑपरेशन ऑलआउट चलाया गया था। इसके अंतर्गत 329 आतंकी गतिविधियों को नाकाम किया गया था। 200 आतंकी मारे गए, जबकि 74 जवान और 36 नागरिकों को भी जान गंवानी पड़ी।

वही 2016 में हिजबुल कमांडर बुरहान वानी समेत 150 आतंकियों को ढेर किया गया था। इस दौरान 82 जवान और 15 आम नागरिकों की जान गई थी।