कोई बड़ा एलान करने वाले है अमित शाह, अधिकारियों संग लगातार कर रहे है बैठक

अमित शाह (Amit Shah) गृहमंत्री का पद संभालते ही काफी एक्शन में हैं। आज अधिकतर सरकारी दफ्तरों में ईद की छुट्टी है लेकिन इसके बावजूद अमित शाह बुधवार को गृह मंत्रालय पहुंचे। बुधवार को भी अमित शाह ने मंत्रालय में लगातार कई बैठकें की और अधिकारियों से कई मुद्दों पर बात की। शाह पिछले चार दिन में कश्मीर को लेकर तीन बार बैठक कर चुके हैं। अभी तक गृह मंत्रालय में बीते चार दिनों में शाह ने पहले ही दिन सभी 22 विभागों की प्रेजेंटेशन ली। उसके बाद 3 जून को आंतरिक सुरक्षा पर बड़ी बैठक ली, बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोवाल के साथ-साथ आईबी चीफ और रॉ चीफ मौजूद थे। बताया जा रहा है कि इन बैठकों में कश्मीर को लेकर विस्तार से चर्चा हुई। नीति आयोग के बड़े अफसर भी केंद्रीय गृह मंत्री से भेंट करके जा चुके हैं। तमाम अन्य मंत्री भी मिलने के लिए कतार में हैं। कुल मिलाकर अमित शाह काफी व्यस्त हैं।

पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेंद्र प्रधान उनसे मिलने आए। मीडिया ने पूछा तो प्रधान ने मुस्कराते हुए कहा कि वह चाय-बिस्किट खाने आए थे। आने वालों में रेल और वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल भी थे। गोयल पर अमित शाह भरोसा करते हैं। जब मीडिया ने गोयल से पूछा तो उन्होंने कहा कि वह केंद्रीय गृहमंत्री के पास कॉफी पीने आए थे। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, विदेश मंत्री एस जयशंकर भी नार्थ ब्लॉक में आकर मिल चुके हैं।

आपको बता दें कि अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक से भी मुलाकात की थी, जिसमें घाटी के मौजूदा हालात पर बात हुई। इस बीच खबर ये भी थी कि सरकार जम्मू-कश्मीर में राजनीतिक परिसीमन करवा सकती है, हालांकि बाद में गृह मंत्रालय ने इसे नकार दिया। इसके अलावा भी अमित शाह कई अन्य केंद्रीय मंत्रियों के साथ बैठक कर चुके हैं, जिसमें उन्होंने पेट्रोल से जुड़ी दिक्कतों, जल्द शुरू होने वाली अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर बात की थी।

गौरतलब है कि अमरनाथ यात्रा 1 जुलाई से शुरू हो रही है, ऐसे में बतौर गृहमंत्री अमित शाह के सामने सबसे बड़ी चुनौती यही है। कई बार ये यात्रा आतंकियों के निशाने पर आ चुकी है, ऐसे में सरकार इस बार फिर सतर्क है।

कुछ बड़ा कर रहे हैं अमित शाह

केंद्रीय गृह मंत्री कुछ बड़ी योजना बना रहे हैं। मंत्रियों, अधिकारियों, नीति आयोग के अफसरों और सुरक्षा और खुफिया एजेंसियों से लगातार हो रही बैठक इसी का संकेत कर रही है। अमित शाह जम्मू-कश्मीर से लेकर देश की आंतरिक चुनौती के प्रति काफी संजीदा हैं। गृह मंत्रालय का पदभार संभालते ही उन्होंने मोटे तौर पर आंतरिक सुरक्षा का जायजा लिया था।

आंतरिक सुरक्षा को करना है सुदृढ़

इस दौरान उन्होंने अपनी पहली प्राथमिकता आंतरिक सुरक्षा को सुदृढ़ करना ही बताया था, लेकिन माना जा रहा है कि वह इस दिशा में कुछ बड़ा कर रहे हैं। जम्मू-कश्मीर के मामले में भी केंद्रीय गृह मंत्री कोई बड़ी योजना बना रहे हैं। हालांकि वह क्या कर रहे हैं, इसका ठीक-ठीक अंदाजा उनके, एनएसए या प्रधानमंत्री के सिवा किसी के पास होने की गुंजाइश कम है, क्योंकि शाह अपने पत्ते आसानी से नहीं खोलते।

धारा 370 और अनुच्छेद 35ए को लेकर है संवेदनशील : अमित शाह

मतगणना से ठीक पहले मीडिया को दिए साक्षात्कार में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने दृढ़ता से दोहराया था कि वह धारा 370 और अनुच्छेद 35ए को लेकर संवेदनशील हैं। बतौर गृह मंत्री यह मुद्दा उनके एजेंडे में शामिल होने की पूरी संभावना है। जम्मू-कश्मीर, हरियाणा, महराष्ट्र, दिल्ली, झारखंड जैसे राज्यों के विधानसभा चुनाव को देखते हुए वह इस दिशा में देश को एक सकारात्मक संदेश दे सकते हैं। इसके अलावा पूर्वोत्तर का उग्रवाद, नक्सलवाद को नियंत्रण में रखना भी केंद्र सरकार की प्राथमिकता में है।