
डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद से अमेरिका में अवैध प्रवासियों पर लगातार कार्रवाई हो रही है। इन प्रवासियों को देश से निष्कासित (डिपोर्ट) किया जा रहा है। हालांकि, अमेरिका के इस सख्त रवैये की पूरी दुनिया में आलोचना हो रही है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इन प्रवासियों को हथकड़ियों और पैरों में जंजीरों के साथ वापस भेजा जा रहा है, जिससे उनके साथ अपराधियों जैसा व्यवहार किया जा रहा है।
व्हाइट हाउस ने जारी किया वीडियोइस बीच, व्हाइट हाउस ने बुधवार (19 फरवरी) को सोशल मीडिया पर एक वीडियो साझा किया, जिसमें अवैध प्रवासियों को डिपोर्ट किए जाने की प्रक्रिया दिखाई गई है। व्हाइट हाउस द्वारा साझा किए गए इस वीडियो में देखा जा सकता है कि अवैध प्रवासियों के हाथों में हथकड़ी और पैरों में बेड़ियां डालकर उन्हें विमान में चढ़ाया जा रहा है। इस वीडियो को साझा करते हुए व्हाइट हाउस ने कैप्शन दिया, ASMR: अवैध विदेशी निर्वासन उड़ान। CNBC न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, यह उड़ान सिएटल से रवाना हुई थी। वीडियो में दिखाया गया है कि अमेरिकी अधिकारी प्रवासियों को इस तरह जकड़ रहे हैं, जैसे वे कोई आतंकवादी या खतरनाक अपराधी हों। इस अमानवीय व्यवहार की कई अंतरराष्ट्रीय संगठनों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने निंदा की है।
एलन मस्क का रिएक्शन आया सामनेसोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स के मालिक एलन मस्क ने भी इस वीडियो पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने पोस्ट पर कमेंट करते हुए लिखा, HAHA WOW। यह प्रतिक्रिया तेजी से वायरल हो रही है। गौरतलब है कि एलन मस्क चुनावी दौर से ही डोनाल्ड ट्रंप का समर्थन करते आए हैं। साथ ही, उन्होंने अवैध प्रवासियों को देश से निकालने की नीति का भी समर्थन किया था।
भारत में भी उठे सवालअमेरिका से अब तक तीन फ्लाइट्स के जरिए अवैध भारतीय प्रवासियों को देश वापस भेजा जा चुका है। इन लोगों के भी हाथ-पैर बंधे हुए थे, जिसे लेकर भारत में राजनीतिक बहस छिड़ गई है। विपक्षी दलों ने इस पर कड़ी आपत्ति जताई और मांग की कि भारत सरकार को अपने नागरिकों के सम्मान के मुद्दे पर अमेरिका से बात करनी चाहिए।
बीते सप्ताह वाशिंगटन की यात्रा के दौरान, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस विषय पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि भारत अमेरिका में मौजूद किसी भी सत्यापित भारतीय अवैध प्रवासी को वापस लेगा। साथ ही, उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि मानव तस्करी में शामिल लोगों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी, ताकि कमजोर और जरूरतमंद लोगों का शोषण रोका जा सके।