अमेरिका ने सीरिया में ईरान समर्थक आतंकी ठिकानों पर किए हमले, कई आतंकियों की मौत

अमेरिकी एयरफोर्स ने शुक्रवार तड़के सीरिया में हमले किए। यह बमबारी सीरिया के उन दो क्षेत्र या कहें अड्डों पर की गई, जो ईरान समर्थित आतंकी गुटों के कब्जे में हैं और जहां से दो हफ्तों में दो बार इराक में अमेरिकी एयरबेस पर रॉकेट दागे गए थे। हालांकि, अब तक यह साफ नहीं हो सका है कि अमेरिकी एयरस्ट्राइक में आतंकी गुटों को कितना नुकसान हुआ। बता दे, 20 जनवरी को राष्ट्रपति पद की शपथ लेने वाले जो बाइडेन ने पहला मिलिट्री एक्शन है। बाइडेन को ट्रम्प की तुलना में सॉफ्ट प्रेसिडेंट कहा जा रहा है। उन्होंने पद संभालने के बाद ईरान को लेकर सख्त रवैया दिखाया है। ईरान के आतंकी गुटों ने दो हफ्तों के दौरान दो बार इदलिब में अमेरिकी एयरबेस के करीब हमले किए थे। एक व्यक्ति की मौत हुई थी। CNN की रिपोर्ट बताती है कि अमेरिकी हमला साफ तौर पर दुनिया के उन देशों को यह मैसेज है कि किसी तरह की आतंकी हरकतें बर्दाश्त नहीं की जाएंगी। पेंटागन के प्रवक्ता माइक किर्बी ने कहा- ये हमले राष्ट्रपति के ऑर्डर पर किए गए हैं।

अमेरिकी रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने कहा, 'प्रेसिडेंट जो बाइडेन के निर्देश पर अमेरिकी मिलिट्री फोर्सेज ने गुरुवार को पूर्वी सीरिया में ईरानी सशस्त्र समूहों के इन्फ्रास्ट्रक्चर पर हमला किया है।' कहा जा रहा है कि इस कार्रवाई में सशस्त्र समूहों के करीब 17 लड़ाके मारे गए हैं। जॉन किर्बी ने कहा, 'अमेरिकी और नाटो सेनाओं के सैन्य ठिकानों पर हाल ही में इराक में हुए हमलों के जवाब में यह एक्शन हुआ है।' पेंटागन के मुताबिक अमेरिकी फाइटर जेट्स ने 7 ठिकानों को निशाना बनाते हुए 7 500-lb बम गिराए हैं। इनमें से एक ठिकाना ईरान और सीरिया के बॉर्डर पर स्थित क्रॉसिंग भी है। अमेरिका का कहना है कि इस क्रॉसिंग का इस्तेमाल ईरान समर्थित उग्रवादी समूह हथियारों के मूवमेंट के लिए करते थे। किर्बी ने कहा कि इन हमलों में ईरान समर्थित समूहों के कई ठिकाने तबाह हो गए हैं। इन समूहों में कताएब हिजबुल्ला और कताएब सैयद अल-सुहादा शामिल हैं।

मारे गए कई आतंकी

एयरस्ट्राइक के बाद CNN से बातचीत में एक अमेरिकी अफसर ने कहा- 'हमले में कई आतंकी मारे गए हैं। उन्हें काफी नुकसान हुआ है। उनके अड्डे तबाह कर दिए गए हैं। इससे ज्यादा जानकारी फिलहाल नहीं दी सकती। हम साफ कर देना चाहते हैं कि किसी तरह की आतंकी हरकतें अमेरिका सहन नहीं कर सकेगा। हमारे रक्षा मंत्री जनरल लॉयड ऑस्टिन पहले ही यह साफ कर चुके हैं कि अमेरिकी हितों को नुकसान पहुंचाने की कोई भी साजिश कामयाब नहीं होने दी जाएगी।'

सीरिया में ईरान के आतंकी गुटों के कई ठिकाने हैं। इनका इस्तेमाल सीरियाई सरकार और सेना करती है। यहीं से इराक में मौजूद अमेरिकी फौजियों को भी निशाना बनाया जाता है। हालांकि, ईरान सरकार ने हमेशा इस तरह के हमलों में अपना हाथ न होने की बात कही है, लेकिन अमेरिकी सरकार का दावा है कि ईरान की मदद के बिना इन्हें अंजाम देना नामुमकिन है।