असमंजस में कांग्रेस, दिल्ली में 'आप' से गठबंधन को लेकर करा रही है सर्वे

दिल्ली में 'आप' के साथ गठबंधन को लेकर कांग्रेस में असमंजस बरकरार है। आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच गठबंधन की सभी संभावनाएं अभी खत्म नहीं हुई हैं। खबर आई है कि कांग्रेस-आप में गठबंधन की कोशिशें जारी हैं। कांग्रेस अपने कार्यकर्ताओं से फोन कॉल कर गठबंधन पर उनकी राय पूछ रही है। प्रदेश कांग्रेस के गठबंधन से इनकार के बाद दिल्ली के प्रभारी पीसी चाको की आवाज में रिकॉर्डेड कॉल लोगों के पास आ रही हैं। कार्यकर्ताओं से राय मांगी गई है कि बीजेपी को हराने के लिए क्या 'आप' से गठबंधन करना चाहिए। इससे पहले पूछा जा रहा था कि 'आप' से गठबंधन किया जाए या नहीं। कांग्रेस के कार्यकर्ताओं और नेताओं को लग रहा है कि जब प्रदेश स्तर पर 'आप' से गठबंधन नहीं होने की बात कही गई है, तो फिर से दिल्ली प्रभारी की ओर से इस पर राय क्यों मांगी जा रही है। कॉल कांग्रेस के शक्ति ऐप के जरिए दिल्ली के कार्यकर्ताओं तक पहुंच रही है।

सूत्रों के अनुसार, दिल्ली के 56 हजार कार्यकर्ता शक्ति ऐप से जुड़े हुए हैं। गठबंधन के लिए ऐप के जरिए दोबारा कॉल आ रही हैं। इससे पहले भी कार्यकर्ताओं को फोन आ चुके थे। उस समय दिल्ली प्रभारी पीसी चाको की आवाज में ही यह रिकॉर्डेड कॉल की गई थीं। सूत्रों का कहना है कि पहली बार 22 हजार कार्यकर्ताओं ने अपनी राय दी। ज्यादातर लोगों ने गठबंधन से मना किया था।

हाल ही में पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह भी कह चुके हैं कि राज्य में आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन की कोई संभावना नहीं है। हालांकि आम आदमी पार्टी की तरफ से दिल्ली के संदर्भ में भी ये लगातार कहा जाता रहा है कि गठबंधन की संभावनाएं खत्म नहीं हुई हैं।

सूत्रों का कहना है कि चुनाव की घोषणा के दूसरे दिन पार्टी ने दिल्ली में बड़ा सम्मेलन किया और लाखों रुपये खर्च किए। इसके बाद पार्टी के लोग और नेता अपने घरों में सिमट गए हैं। उन्हें अभी तक पता नहीं है गठबंधन होगा या नहीं। कंफ्यूजन की स्थिति ऐसी है कि जो लोग टिकट के दावेदार हैं वे भी अपने इलाकों में ऐक्टिव नहीं हैं।

हरियाणा में गठबंधन के लिए आप की कांग्रेस से गुहार

खबर आई थी कि कांग्रेस के इनकार के बावजूद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल कांग्रेस से गठबंधन को आतुर हैं। अरविंद केजरीवाल ने कहा कि देश के लोग अमित शाह और मोदी जी की जोड़ी को हराना चाहते हैं। अगर हरियाणा में जेजेपी, आप और कांग्रेस साथ लड़ते हैं तो हरियाणा की दसों सीटों पर बीजेपी हारेगी। अरविंद केजरीवाल ने राहुल गांधी से इस पर विचार करने का निवेदन किया है। गौर हो कि आम आदमी पार्टी की तरफ से दिल्ली में कांग्रेस से हाथ मिलाने की काफी कोशिश की गई थी। लेकिन कांग्रेस ने इसे साफ इंकार कर दिया। जिससे नाराज होकर अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि दोनों (कांग्रेस और बीजेपी) के बीच अपवित्र गठबंधन की बात कही थी। उन्होंने कहा था कि कांग्रेस पार्टी अहंकारी हो गई है। अगर उनका ऐसा ही रवैया रहा तो उनके उम्मीदवार जमानत तक गंवा बैठेंगे।

वही अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने अपनी पार्टी के आंतरिक सर्वेक्षण का हवाला देकर कहा है कि 56 फीसदी लोगों को लगता है कि पुलवामा हमले (Pulwama Terror Attack) और भारत पाक (India-Pak) तनाव को लेकर भाजपा को अपने आचरण के कारण चुनावों में हार का मुंह देखना पड़ेगा। केजरीवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि ‘आप' ने एक सर्वेक्षण कराया था जिसमें पता चला है कि जिस तरह से भाजपा, भारत और पाकिस्तान के टकराव से निपट रही है उसका लोगों पर नकारात्मक असर पड़ा है। बाद में उन्होंने ट्वीट किया कि 56 फीसदी लोगों को लगता है कि भाजपा अपने आचरण की वजह से चुनाव हारेगी।