PoK में Air Strike: भारत को मिला फ्रांस का साथ, पाकिस्तान को दी ये नसीहत

जम्‍मू-कश्‍मीर (Jammu-Kashmir) के पुलवामा (Pulwama) में सीआरपीएफ (CRPF) के जवानों पर हमले के बाद जवाबी करवाई में मंगलवार को भारतीय वायुसेना ने पीओके के बालाकोट में आतंकी संगठनों पर हमला किया। इस हमले में करीब 350 आतंकवादियों के मारे जाने की रिपोर्ट है। भारतीय वायुसेना ने 26 फरवरी को सुबह साढ़े 3 बजे 12 मिराज 2000 भारतीय लड़ाकू जेट विमानों ने एलओसी के पार जाकर आतंकवादी कैंपों पर निशाना बनाया। भारत की इस कार्रवाई का दुनिया के कई देशों ने समर्थन किया है। फ्रांस ने भी भारत के समर्थन में बयान दिया है।

फ्रांस के यूरोप एवं विदेश मामलों के मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, "सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ अपनी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए फ्रांस भारत की वैधता को मान्यता देता है और पाकिस्तान को अपनी धरती से आतंकवादी संगठन खत्म करने के लिए कहता है।"

फ्रांस ने भारत और पाकिस्तान दोनों देशों को संयम बरतने के लिए कहा ताकि सैन्य टकराव के जोखिम को कम किया जा सके और क्षेत्र में स्थिरता बनाई रखी जा सके।"

इससे पहले ऑस्ट्रेलिया ने पाकिस्तान को जैश-ए-मोहम्मद के खिलाफ कार्रवाई करने की सलाह दी थी। ऑस्ट्रेलिया की ओर से कहा गया, "पाकिस्तान को अपने क्षेत्र में आतंकवादी समूहों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए, जिसमें जैश-ए-मोहम्मद भी शामिल है, जिसने 14 फरवरी को पुलवामा में हुए हमले की जिम्मेदारी ली थी।"

बता दें कि पीओके (पाकिस्तानी ओक्युपाईड कश्मीर) वो इलाका है जहां भारत पहले ही अपना अधिकार जताता है और पाकिस्तान ने वहां की स्वतंत्र सरकार को मान्यता दी हुई है और यहां की गई कार्रवाई पर वो आपत्ति जताने का अधिकार नहीं रखता। ऐसे में सिर्फ बालाकोट के लिए ही इंडियन एयरफ़ोर्स ने अंतरराष्ट्रीय सीमा को पार किया है।

बता दे, हवाई हमलों की ख़बरें मिलने के तुरंत बाद भ्रम की स्थिति पैदा हो गई थी कि आखिर ये कौन सा बालाकोट है जहां भारतीय वायु सेना के लड़ाकू विमान मिराज 2000 ने बम बरसाए। दरअसल एक ही इलाके में बालाकोट नाम से दो शहर हैं। लेकिन अब इस बात का खुलासा हो गया है कि भारतीय वायु सेना ने पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में स्थित बालाकोट में ये हमले किए। भारत और पाकिस्तान के बीच एलओसी के नज़दीक स्थित ये जगह काफी महत्वपूर्ण है और पिछले दो-तीन सालों में यहां से जमकर सीज़फायर का उल्लंघन हुआ है। सूत्रों के मुताबिक बालाकोट पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के मनसेहरा जिले में स्थित है। ये शहर 8 अक्टूबर 2005 को आए 7.6 तीव्रता वाले भूकंप में पूरी तरह से तबाह हो गया था। बीबीसी रिपोर्ट के मुताबिक इस भूकंप में 75 हज़ार लोगों की मौत हुई थी जिनमें से अधिकतर मौतें पीओके में इसी जगह पर हुई थीं। इस शहर को पाकिस्तान सरकार और सऊदी पब्लिक असिस्टेंट द्वारा दोबारा बसाया गया था। जानकारी के मुताबिक इस शहर में कई आतंकी ट्रेनिंग कैम्प चल रहे थे। जैश ए मोहम्मद आतंकी संगठन को भी यहां से चलाया जा रहा था। भारत और दूसरी जगहों पर पहले हो चुके कई मामलों में इसका ज़िक्र हो चुका है। इस ठुकाने में सीमित भौतिक आधारभूत ढांचा रहा है। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक यहां टीन का एक छप्पर, एक छोटी मस्जिद और कुछ मिट्ठी के घर बने हुए हैं। जैश-ए-मुहम्मद प्रमुख मसूद अज़हर ने कथित तौर पर बालाकोट में ही फत-उल जवाद को लिखा था, जो मसूद अज़हर के मुताबिक जिहाद को कुरान के आधार पर सही ठहराता है।