नई दिल्ली। एक ऐतिहासिक फैसले में भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने दिल्ली में प्रदूषण नियंत्रण के लिए ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP)-IV में छूट की मांग करने वाली याचिका को खारिज कर दिया है। GRAP-IV के तहत उठाए गए कदमों में छूट की मांग वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायालय ने कहा कि वह छूट की मांग करने वाली किसी भी याचिका पर तभी विचार करेगा जब प्रदूषण के स्तर में लगातार गिरावट का रुझान दिखाई देगा।
GRAP-IV उपायों में अन्य बातों के अलावा निर्माण गतिविधियों पर प्रतिबंध, कोयला और बायोमास जलाने पर रोक, और राष्ट्रीय राजधानी में वायु प्रदूषण के खतरनाक स्तर के कारण ईंट भट्टों को बंद करना शामिल है। इस कार्रवाई के खिलाफ़ उपाय दिल्ली में सबसे गंभीर वायु गुणवत्ता की स्थिति को संबोधित करते हैं, जो एक ऐसा शहर है जो विशेष रूप से सर्दियों के महीनों के दौरान खतरनाक प्रदूषण स्तरों के लिए जाना जाता है।
न्यायालय ने GRAP-IV की प्रयोज्यता में संशोधन तथा क्षेत्र में वायु गुणवत्ता की स्थिति की समीक्षा के लिए गुरुवार, 5 दिसंबर को सुनवाई भी निर्धारित की है। सुनवाई में योजना में संभावित समायोजन तथा जनता और अर्थव्यवस्था पर इसके प्रभाव पर चर्चा होगी।
इसी आदेश में सुप्रीम कोर्ट ने वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) को शहर भर में वायु गुणवत्ता उपायों के कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने में अधिक प्रभावी ढंग से समन्वय करने का निर्देश दिया। इसने दिल्ली नगर निगम (एमसीडी), दिल्ली पुलिस और दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) सहित विभिन्न संबंधित अधिकारियों के बीच बेहतर संचार की आवश्यकता पर जोर दिया।
न्यायालय ने न्यायालय आयुक्तों की रिपोर्ट से चिंताजनक निष्कर्षों पर भी ध्यान दिया, जिसमें प्रदूषण नियंत्रण उपायों को लागू करने में शामिल अधिकारियों के बीच समन्वय की गंभीर कमी का खुलासा हुआ। सर्वोच्च न्यायालय ने समय पर और प्रभावी कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए इन एजेंसियों के बीच समन्वय को सुविधाजनक बनाने में CAQM के महत्व पर प्रकाश डाला। इसके अलावा, अदालत ने दिल्ली पुलिस को कोर्ट कमिश्नरों की सुरक्षा और संरक्षण सुनिश्चित करने का निर्देश दिया, जो वायु गुणवत्ता उपायों के कार्यान्वयन की निगरानी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। अदालत ने इन अधिकारियों के लिए पर्याप्त सुरक्षा की आवश्यकता पर जोर दिया, खासकर जब वे संभावित प्रतिरोध या सार्वजनिक अशांति का सामना करते हुए अपने कर्तव्यों का पालन करते हैं।