AIADMK ने जारी किया घोषणा पत्र, मुख्यमंत्री के परामर्श से राज्यपाल की नियुक्ति

चेन्नई। तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री और ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (AIADMK) के महासचिव एडप्पादी के पलानीस्वामी ने शुक्रवार को आगामी लोकसभा चुनाव के लिए पार्टी का घोषणापत्र जारी किया।

अपने चुनाव घोषणापत्र में, अन्नाद्रमुक ने केंद्र सरकार से राज्यों में राज्यपालों की नियुक्ति करते समय मुख्यमंत्रियों से परामर्श करने का आग्रह करने का वादा किया था। इसके अलावा, पार्टी ने NEET परीक्षा को रद्द करने और मेडिकल छात्रों के चयन के लिए एक वैकल्पिक प्रक्रिया शुरू करने का भी वादा किया।

अपने घोषणापत्र में, अन्नाद्रमुक ने केंद्र प्रायोजित योजनाओं (CSS) में केंद्र और राज्य सरकारों की हिस्सेदारी क्रमशः 60:40 से 75:25 तक बढ़ाने का भी आश्वासन दिया।

पार्टी ने कर्नाटक की मेकेदातु बहुउद्देश्यीय परियोजना को रोकने के लिए केंद्र पर दबाव बनाने का भी वादा किया। इसके अलावा, देश भर में आर्थिक रूप से पिछड़े परिवारों की महिला मुखियाओं को 3,000 रुपये मासिक वित्तीय सहायता प्रदान करने का भी वादा किया गया।

इसके अलावा, पार्टी ने अपनी प्रमुख परियोजना, नादंथई वाझी कावेरी के साथ-साथ कावेरी-गुंडर-वैगई और गोदावरी-कावेरी जैसी इंटरलिंकिंग परियोजनाओं को पुनर्जीवित करने का वादा किया। अन्नाद्रमुक ने चेन्नई में उच्चतम न्यायालय की एक पीठ की स्थापना का भी वादा किया।

AIADMK द्वारा दिए गए 113 चुनावी आश्वासनों में शरणार्थी के रूप में भारत में रह रहे श्रीलंकाई तमिलों के लिए दोहरी नागरिकता का प्रावधान भी मौजूद था।

गौरतलब है कि इससे पहले बुधवार, 20 मार्च को तमिलनाडु के मुख्यमंत्री और डीएमके प्रमुख एमके स्टालिन ने भी इसी तरह के वादों के साथ अपनी पार्टी का घोषणापत्र जारी किया था।

NEET परीक्षा पर प्रतिबंध, मुख्यमंत्री को राज्यपाल नियुक्त करने की शक्ति देना अन्य वादों के साथ DMK के घोषणापत्र में मौजूद था।