मां से बदला लेने के लिए मामा ने 8 महीने की बच्ची से किया रेप, फिर कर दी हत्या

मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है। यहां पर आठ महीने की मासूम का शव मिला है। जांच से पता चला कि 8 महीने की बच्ची के साथ रेप हुआ औऱ उसके बाद उसकी हत्या की गई। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस पूछताछ में आरोपी ने अपना जुर्म कुबूल कर लिया है। सामने आया है कि वारदात से पहले पीड़िता की मां के साथ आरोपी की बहस हुई थी, जिसके बाद उसने वारदात को अंजाम दिया। इंदौर के राजवाड़ा के शिव विलास पैलेस के बेसमेंट से जब बच्ची की लाश मिली तो उसके निजी अंग क्षत-विक्षत हालत में मिले।

पुलिस को किसी ने जानकारी दी कि शिव विलास पैलेस के बेसमेंट में एक बच्ची की लाश पड़ी है। इस सूचना के बाद मौके पर पहुंची। शुरूआती पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी बच्ची के रेप की बात सामने आई है।

रिश्ते में बच्ची का मामा है आरोपी: पुलिस

इंदौर के डीआईजी ने बताया, ''आरोपी रिश्ते में पीड़ित बच्ची का मामा है, पीडि़त परिवार ने उसका नाम संदिग्ध के तौर नहीं लिया। शुरुआती जांच में कुछ संदिग्धों के नाम थे लेकिन जब स्पेशल इंवेस्टिगेशन टीम ने सभी पहलुओं की जांच की तो ये सभी शक के घेरे से बाहर हो गए। घटना के पीछे कारण बच्ची की मां से आरोपी का झगड़ा होना बताया जा रहा है। आरोपी ने अपना गुनाह कबूल कर लिया है।''

गुब्बारे बेचकर गुजारा करता है परिवार

मृतक बच्ची का परिवार बेहद गरीब है। वे गुब्बारे बेचकर गुजारा करते हैं और सड़क पर ही रहते हैं। घटना वाले दिन भी वे राजबाड़ा महल के बाहर सो रहे थे, सुबह उठने पर जब बच्ची गायब मिली तो परेशान होकर उन्होंने उसे तलाशना शुरू कर दिया, जिसके बाद उन्हें बच्ची का शव मिला। उसके आसपास खून बिखरा हुआ था।

सीसीटीवी से हुआ आरोपी का खुलासा

पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज खंगाले तो उन्हें उसमें एक युवक सोते हुए परिवार के पास से बच्ची को उठाता हुआ ले जाता दिखा। उसने दुधमुंही बच्ची को अपने कंधे पर डाल लिया, ताकि लोगों को शक न हो। फिर वह उसे करीब 50 मीटर दूर स्थित एक इमारत के तलघर में ले गया, जहां उसने रेप और हत्या की वारदात को अंजाम दिया।

परिजनों को फुटेज दिखाने पर युवक की पहचान 21 वर्षीय सुनील भील के रूप में हुई है। ये युवक रिश्ते में बच्ची का मामा लगता है। एसआईटी की जांच में पहले पूछताछ करने पर परिजनों ने सुनील को आरोपी मानने से इनकार कर दिया था। लेकिन जब सबूत सामने आए तो आरोपी को हिरासत में लेकर कड़ी पूछताछ की गई, इस दौरान उसने वारदात को अंजाम देने बात स्वीकार की।

12 साल तक की बच्चियों से रेप पर फांसी, आज कैबिनेट में अध्यादेश ला सकती है केंद्र सरकार

बारह साल तक की बच्ची के साथ दुष्कर्म के दोषी को मौत की सजा देने के प्रावधान वाला अध्यादेश आज केंद्रीय मंत्रिमंडल के समक्ष आ सकता है। उत्तर प्रदेश के उन्नाव और जम्मू कश्मीर के कठुआ में नाबालिग बच्चियों से दुष्कर्म की घटनाओं को लेकर देशभर में गुस्से के माहौल की पृष्ठभूमि में सरकार 'बच्चों को यौन अपराधों से संरक्षण अधिनियम' (पॉक्सो) में संशोधन के लिए अध्यादेश लाने की योजना बना रही है। सरकार ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट को भी इस बारे में सूचित किया है। चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ के समक्ष केंद्र सरकार ने कहा कि वह इस पर गंभीरता से विचार कर रही है। पोक्सो एक्ट में बदलाव करने की कवायद शुरू हो गई है। इस संबंध में एडिशनल सॉलिसिटर जनरल ने महिला एवं बाल कल्याण मंत्रालय द्वारा लिखी चिट्ठी पीठ को दी।

प्रस्ताव के अनुसार 12 साल तक बच्ची के साथ दुष्कर्म के दोषी को भी मौत की सजा सुनाई जा सकती है। पॉक्सो कानून के वर्तमान प्रावधानों के अनुसार इस जघन्य अपराध के लिए अधिकतम सजा उम्रकैद है। न्यूनतम सजा सात साल की जेल है। उन्नाव और कठुआ की घटनाओं पर अपनी पहली टिप्पणी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले सप्ताह कहा था कि किसी अपराधी को छोड़ा नहीं जाएगा और बेटियों को न्याय मिलेगा।

अभी क्या है कानून?


पॉक्सो कानून के आज के प्रावधानों के अनुसार इस जघन्य अपराध के लिए अधिकतम सजा उम्रकैद है, न्यूनतम सजा सात साल की जेल है। दिसंबर 2012 के निर्भया मामले के बाद जब कानूनों में संशोधन किये गये।

इसमें बलात्कार के बाद महिला की मृत्यु हो जाने या उसके मृतप्राय होने के मामले में एक अध्यादेश के माध्यम से मौत की सजा का प्रावधान शामिल किया गया जो बाद में आपराधिक कानून संशोधन अधिनियम बन गया।