भीलवाड़ा : धार्मिक जमीन को लेकर विवाद में पुलिस पर हुई पत्थरबाजी में पकड़े गए 70 युवक, छावनी में तब्दील गांव

जिले के मांडल कस्बे में धार्मिक जमीन का विवाद सन् 1977 से कोर्ट में विचाराधीन है। कोर्ट द्वारा इस जमीन के पट को ताला लगाकर चाबी मांडल थाने में जमा करवाई हुई है। बताया जा रहा है कि इस भूखंड में एक छोटा सा ढांचा है। जिसे दो पक्ष अपना-अपना धार्मिक स्थल होने का दावा कर रहे हैं। इस मामले में शुक्रवार को दो पक्ष आमने-सामने हो गए। एक पक्ष के लोगों ने जमीन का ताला खोलने की कोशिश की। इसी के बाद तनाव उपज गया। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची। जाप्ता तैनात किया गया। गुस्साई भीड़ ने पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया। पुलिस को भी प्रदर्शनकारियों को खदेड़ना पड़ा। 70 से ज्यादा युवाओं को गिरफ्तार किया गया है। वहीं, 100 से ज्यादा वाहनों को भी सीज किया गया। मामले में शनिवार को भी क्षेत्र पुलिस छावनी बना रहेगा।

इस मामले की गंभीरता को देखते हुए एसपी विकास शर्मा समेत तमाम अधिकारी मौके पर पहुंचे। आसपास के सभी पुलिस थानों के थाना प्रभारी पुलिस जाब्ता लेकर मांडल पहुंचे। पुलिस अधिकारियों द्वारा करीब 2 घंटे तक प्रदर्शनकारियों को समझाया गया। वह लोग किसी भी बात को सुनने को तैयार नहीं थे। इसी बीच कुछ उपद्रवियों द्वारा पुलिस पर पत्थर फेंके गए। जिसके बाद पुलिस ने उन पर लाठियां भांजना शुरू कर दिया। उन्हें कस्बे से बाहर खदेड़ा। इस प्रदर्शन के बाद पुलिस द्वारा कार्रवाई करते हुए 70 प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया गया। वहीं, 100 से ज्यादा वाहनों को जप्त कर थाने लाया गया। इसके चलते मांडल पुलिस थाने में इन प्रदर्शनकारियों को रखने की जगह भी नहीं बची।

पुलिस अधिकारियों का कहना है कि शुक्रवार को स्थिति को क़ाबू में कर लिया गया है। अभी भी आक्रोशित लोगों का तनाव कम नहीं हुआ है। ऐसे में शुक्रवार को प्रशासन द्वारा मंडल कस्बे के बाजार भी बंद करवाए गए थे। देर रात तक भी स्थिति तनाव भरी थी। इसी के चलते शनिवार को भी पूरे मांडल गांव को छावनी में तब्दील रखा जाएगा। हर गतिविधि पर नजर रहेगी।