नागौर : मन को सुकून देने वाली खबर जो बताती हैं वैक्सीन का महत्व, फेफड़ों में 90% संक्रमण के बावजूद तीन दिन में दी कोरोना को मात

कोरोना के इस कहर में कई बुरी खबरें सुनने को मिली जहां लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी हैं। लेकिन इस बीच कई खबरें ऐसी भी हैं जो मन को सुकून देने वाली हैं जहां लोगों ने अपनी हिम्मत से कोरोना को मात दी हैं। नागौर जिले के डेगाना के टंकीपुरा की रहने वाली 58 साल की गुलाब गर्ग की कहानी कुछ ऐसी ही हैं जो वैक्सीन का महत्व बताती हैं। महिला का CT स्कोर 23 था और फेंफड़ों में भी 90% तक संक्रमण फ़ैल चुका था। डेगाना CHC से उन्हें JLN जिला अस्पताल भी रेफर कर दिया गया था। बावजूद इसके उन्होंने महज 3 दिन में महामारी को मात दे दी और ये सब संभव हुआ उन्हें बीमार होने से पहले लगी कोरोना वैक्सीन की दो डोज और उनके बेटे-बहुओं की सेवा से।

संक्रमण बढ़ने से उन्हें सांस लेने में भी दिक्कत थी। ऑक्सीजन लेवल भी लगातार गिरता जा रहा था। ऐसे में उनका महज 3 दिनों में ठीक होकर JLN हॉस्पिटल से डिस्चार्ज होकर घर पहुंचना किसी चमत्कार से कम नहीं है। 18 मई को गुलाब गर्ग को सांस लेने में अचानक तकलीफ होने लगी। साथ ही बुखार और तेज खांसी आने लगी तो उन्हें 20 मई को डेगाना CHC ले जाया गया। यहां डॉक्टर ने बताया कि इनका ऑक्सीजन लेवल और एक्सरे रिपोर्ट देखते हुए उन्हें तुरंत डेगाना से नागौर रेफर कर दिया गया। गुलाब गर्ग ने बताया कि कोरोना संक्रमण व सांस में तकलीफ लेने के चलते नागौर रेफर करने पर बहुत घबराहट हुई। लेकिन इस दौरान वहां JLN अस्पताल नागौर में उनकी दोनों बहुओं सुनीता व पूजा ने उन्हें हौसला दिया और उनकी मदद की वही दोनों बेटों मुकेश व राज दायमा ने अस्पताल में उनकी लगातार देखभाल की। जिस कारण उन्हें मानसिक सपोर्ट भी मिला।

गुलाब गर्ग ने बताया कि अस्पताल में ज्यादातर मरीज ऐसे थे जिनका सीटी स्कोर उनसे बढ़िया था। बावजूद इसके वे शरीर से बिल्कुल टूट चुके थे, लेकिन डॉक्टरों ने बताया कि उन्हें संक्रमित होने से पहले लग चुकी वैक्सीन की दो डोज ने संक्रमण से लड़ने की ताकत दी और उनकी जान बच पाई हैं। उन्हें वैक्सीन की पहली डोज 2 अप्रैल व दूसरी डोज 7 मई को लग चुकी थी। ऐसे में अब गुलाब ने सरकार से सभी का जल्द वैक्सीनेशन और आमजन से वैक्सीन से घबराने के बजाय इसे लगाने की अपील की है, ताकि अब कोई जनहानि न हो पाए।