भारत के नाम है ये 4 अजीबो-गरीब वर्ल्ड रिकार्ड्स

आज भारत पूरी दुनिया में अपनी नई तकनीक, ज्ञान, पावर के लिए पहचाना जाता है। भारत ने अपने नाम का परचम पुरे विश्व भर में लहाराया है चाहे वो विज्ञान के क्षेत्र में हो या फिर खेल, व्यापार और टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में। भारत का एक हाथ जहाँ अपने भविष्य की और है वहीँ दूसरा हाथ मजबूती के साथ अपनी सभ्यता के साथ है। कुल मिलाकर कहें तो भारत कई मायनों में अनोखा देश है। आज हम आपको बताने वाले है कुछ ऐसे ही अनोखे भारतीय लोगों के बारे में जिन्होंने गिनीज बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड्स में अपना नाम दर्ज कराया है सबसे अजीबोगरीब कारनामों के लिए, तो आइये नज़र डालते है इस वर्ल्ड रिकार्ड्स पर, अगर आप भी इन विश्व रिकॉर्ड के बारे में नहीं जानते तो कोई बात नहीं हम आपको बताते हैं

* शरीर पर सबसे ज्यादा झंडों के टैटू :
आजकल जहां देखें टैटू का ट्रेंड है। खासकर युवाओं में इसका सबसे ज्यादा क्रेज होता है। आमतौर पर आपने सुना होगा कि लोगों ने अपने शरीर पर आठ या दस टैटू बनवाए हैं। लेकिन एक शख्स ऐसा है जिसने अपने शरीर पर 305 विभिन्न देशों के झंडे, 185 देशों के नक़्शे, 165 मिनी झंडे और 2,985 कैरेक्टर्स के टैटू बनवाए हुए हैं। इनका नाम ऋषि है।

* दुनिया की सबसे लंबी पगड़ी पहनने का विश्व रिकॉर्ड :

पंजाब के पटियाला शहर के रहने वाले 60 वर्षीय अवतार सिंह ने अपने सिर पर सबसे लंबी पगड़ी बांधने का विश्व रिकॉर्ड बनाया हैं। उनकी पगड़ी की लम्बाई 645 मीटर थी। इन्हें अपनी पगड़ी पहनने में करीब 6 घंटे का वक्त लगता है जिसका वजन करीब 40 किलो होता है। इस तरह की पगड़ी ये करीब 16 सालों से लगातार हर रोज़ पहनते है।

* नाक से तेजी से टाइप करना :
हम सभी अपने हाथों की मदद से लिखने और टाइप करने का काम करते हैं। वहीं कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो अपने पैरों की मदद से टाइप करते हैं। लेकिन आपने नाक से टाइप करने की बात शायद ही सुनी होगी। इस करिश्मे को भारत के खुर्शीद हुसैन ने सच कर दिखाया था। उन्होंने केवल 46।30 सेकेंड में 103 शब्दों को अपनी नाक से टाइप करके विश्व रिकॉर्ड बनाया है।

* विश्व का सबसे बड़ा कंडोम मोसैक :
भारत की लगातार बढ़ती जनसंख्या एक चिंता का विषय है। जनसंख्या नियंत्रण के क्षेत्र में एक अनोखी पहल करते हुए 16 नवंबर 2014 को लखनऊ में दुनिया का सबसे बड़ा कंडोम मोज़ैक बनाया गया था। इसके निर्माण के लिए करीब 4,418 कंडोम पैकेट्स का इस्तेमाल हुआ था जिसे आईआईएम लखनऊ की वार्षिक प्रदर्शनी में दिखाया गया था।