
केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में बुधवार (11 जून 2025) को झारखंड, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश के सात जिलों को शामिल करते हुए भारतीय रेल की दो महत्वपूर्ण मल्टीट्रैकिंग परियोजनाओं को हरी झंडी दी गई है। केंद्र सरकार के अनुसार, इन नवोदित पहलों से न केवल यात्रा सुविधा में सुधार होगा, बल्कि लॉजिस्टिक लागत घटेगी और कार्बन डाईऑक्साइड उत्सर्जन में भी भारी कमी आएगी, जिससे टिकाऊ और कुशल रेल प्रचालन को बढ़ावा मिलेगा और हरित भारत के दृष्टिकोण को मजबूती मिलेगी।
झारखंड में कोडरमा-बरकाकाना मल्टीट्रैकिंग परियोजना को मिली स्वीकृतिरेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने जानकारी दी कि कोडरमा से बरकाकाना के बीच 133 किमी की डबल लेन परियोजना को स्वीकृति मिल चुकी है, जिसकी अनुमानित लागत 3,063 करोड़ रुपये होगी। इस परियोजना के पूर्ण होने से पटना और रांची के बीच की दूरी घटेगी और कोडरमा, चतरा, हजारीबाग तथा रामगढ़ जिलों को बेहतर कनेक्टिविटी प्राप्त होगी, जिससे क्षेत्रीय विकास को गति मिलेगी।
झारखंड में प्रस्तावित इस परियोजना के संबंध में रेल मंत्री ने कहा कि विशेषज्ञों के अनुसार, इससे होने वाला कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन में कमी सात करोड़ पेड़ लगाने के बराबर होगी। इस परियोजना से सालाना लगभग 32 करोड़ लीटर डीजल की बचत होगी। 938 गांवों की लगभग 15 लाख की जनसंख्या को इसका प्रत्यक्ष लाभ मिलेगा और यह परियोजना 30.4 मिलियन टन अतिरिक्त माल ढोने में सक्षम होगी, जो पर्यावरण-सम्मत रेलवे विकास को रेखांकित करता है।
कर्नाटक-आंध्र में बल्लारी-चिकजाजुर मल्टीट्रैकिंग परियोजना को भी स्वीकृतिइसी कड़ी में केंद्र सरकार ने कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में बल्लारी-चिकजाजुर मल्टीट्रैकिंग परियोजना को भी स्वीकृति दी है। यह परियोजना डबल लेन के रूप में विकसित की जाएगी, जिससे मंगलौर पोर्ट से माल और यात्री कनेक्टिविटी में गुणात्मक सुधार आएगा। रेल मंत्री ने बताया कि इस परियोजना के अंतर्गत 185 किमी रेलवे लाइन की डबलिंग की जाएगी, जिस पर 3,342 करोड़ रुपये खर्च होंगे।
रेल मंत्री वैष्णव ने जोर देकर कहा कि पीएम मोदी के ऐतिहासिक तीसरे कार्यकाल में परिवहन क्षेत्र में क्रांतिकारी परिवर्तन लाने की दिशा में कई योजनाएं शुरू की गई हैं। आईआईएम बैंगलोर और आईआईएम कलकत्ता द्वारा किए गए एक हालिया अध्ययन में यह सामने आया है कि परिवहन क्षेत्र में निवेश से देश की लॉजिस्टिक्स लागत में करीब 4 फीसदी की गिरावट आई है, जो आर्थिक विकास की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण उपलब्धि है।