दो महीने में 15% तक गिर सकती हैं सोने की कीमतें, जानें निवेशकों के लिए क्या है सलाह?

5 जून को सोने की कीमतों में स्थिरता दर्ज की गई। अंतरराष्ट्रीय बाजार में स्पॉट गोल्ड 3,372 डॉलर प्रति औंस पर रहा, जबकि यूएस गोल्ड फ्यूचर्स 0.1% की मामूली गिरावट के साथ 3,395 डॉलर प्रति औंस पर कारोबार करता दिखा। साल 2025 में निवेशकों को शानदार रिटर्न देने के बाद अब सोने की कीमतों में गिरावट की आशंका जताई जा रही है। अगले दो महीनों के भीतर गोल्ड की कीमत में 12-15% तक की गिरावट आ सकती है। यह अनुमान क्वांट म्यूचुअल फंड ने अपनी नई रिपोर्ट में जताया है। हालांकि, पिछले कुछ दिनों में सोने की कीमतों में अच्छी रिकवरी भी देखने को मिली है। 5 जून को भी कीमतों में स्थिरता बनी रही।

क्वांट म्यूचुअल फंड: 12-15% की गिरावट संभव

क्वांट म्यूचुअल फंड ने जून 2025 की रिपोर्ट में कहा है कि गोल्ड अपने ऑल टाइम हाई के पास है और यहां से अगले दो महीनों में इसमें 12-15% तक की गिरावट आ सकती है। हालांकि, मीडियम और लॉन्ग टर्म में गोल्ड का आउटलुक अभी भी पॉजिटिव बताया गया है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि हर निवेशक के पोर्टफोलियो में गोल्ड की एक सीमित हिस्सेदारी जरूर होनी चाहिए।

मॉर्निंगस्टार का भी अलर्ट: 38% तक गिर सकती हैं कीमतें

केवल क्वांट ही नहीं, अमेरिकी रिसर्च कंपनी मॉर्निंगस्टार के एनालिस्ट जॉन मिल्स ने भी गोल्ड की कीमतों में बड़ी गिरावट की आशंका जताई है। उनके मुताबिक अगले कुछ वर्षों में सोने की कीमतों में 38% तक की गिरावट संभव है। भारत में यह गिरावट 56,000 रुपये प्रति 10 ग्राम तक जा सकती है। मिल्स के अनुसार इस गिरावट की सबसे बड़ी वजह सोने की जरूरत से ज्यादा सप्लाई है।

भारत के खरीदारों के लिए राहत की खबर

अगर गोल्ड की कीमतों में गिरावट आती है तो यह भारत जैसे देश के लिए राहत की बात होगी, जहां शादी-ब्याह और त्योहारों में सोना खरीदने की परंपरा गहरी है। जब सप्लाई बढ़ती है तो कीमतें गिरती हैं, और यही ट्रेंड गोल्ड पर भी लागू हो रहा है।

साल 2025: सोने ने दिया 34% का दमदार रिटर्न

वर्तमान साल यानी 2025 सोने के लिए बेहद मजबूत रहा है। इस साल निवेशकों को करीब 34% का शानदार रिटर्न मिला है। अप्रैल में अंतरराष्ट्रीय बाजार में गोल्ड 3500 डॉलर प्रति औंस तक पहुंचा था। इसके बाद थोड़ी मुनाफावसूली हुई लेकिन हाल के दिनों में कीमतें फिर से बढ़ी हैं। एक्सपर्ट्स का मानना है कि जियोपॉलिटिकल तनाव और डॉलर की कमजोरी के चलते सोने की चमक बढ़ी है।

निवेशकों के लिए क्या है सलाह?

वित्त विशेषज्ञों का मानना है कि पोर्टफोलियो के डायवर्सिफिकेशन के लिहाज से गोल्ड में 10-15% तक निवेश होना चाहिए। इससे शेयर बाजार में गिरावट की स्थिति में बैलेंस बना रहता है। आज के डिजिटल युग में गोल्ड में निवेश करना आसान हो गया है। गोल्ड ईटीएफ, म्यूचुअल फंड की गोल्ड स्कीम और डिजिटल गोल्ड जैसे विकल्प मौजूद हैं। विशेषज्ञों की राय है कि अगर गोल्ड की कीमतें वाकई 12-15% तक गिरती हैं, तो यह एक शानदार अवसर हो सकता है गोल्ड में और अधिक निवेश करने का।