एयर इंडिया प्लेन क्रैश: बीमा कंपनियों पर 1000 करोड़ से ज्यादा के क्लेम का भारी बोझ, इंडस्ट्री को लगा तगड़ा झटका

अहमदाबाद में हुए भयानक एयर इंडिया बोइंग 787 ड्रीमलाइनर प्लेन क्रैश के बाद इंश्योरेंस क्लेम अमाउंट चौंकाने वाले रूप से 1,000 करोड़ रुपये से ज्यादा हो गया है। यह भारतीय एविएशन सेक्टर के इतिहास में अब तक का सबसे महंगा इंश्योरेंस क्लेम माना जा रहा है। यह आंकड़ा पूरे देश के एविएशन सेक्टर के कुल वार्षिक बीमा प्रीमियम से भी अधिक है, जो इसे बेहद संवेदनशील और अभूतपूर्व बनाता है।

बीमा कंपनियों पर पड़ा भारी बोझ

गौरतलब है कि टाटा ग्रुप, जो एयर इंडिया का मालिक है, ने इस हादसे में जान गंवाने वाले हर पीड़ित परिवार को 1 करोड़ रुपये की सहायता राशि देने की घोषणा की है। हादसे में अब तक 241 लोगों की मृत्यु की पुष्टि हो चुकी है। इस आधार पर यह अनुमान लगाया जा रहा है कि इंश्योरेंस कंपनियों को लगभग ₹1,000 करोड़ तक की जिम्मेदारी उठानी पड़ेगी, जिससे पूरे एविएशन इंश्योरेंस इंडस्ट्री पर वित्तीय दबाव पड़ सकता है।

मॉन्ट्रियल कन्वेंशन 1999 के तहत दिया जाएगा मुआवजा

बीमा क्षेत्र के विशेषज्ञों का कहना है कि मृतकों के परिजनों को मुआवजा मॉन्ट्रियल कन्वेंशन 1999 के प्रावधानों के तहत दिया जाना चाहिए। इस कन्वेंशन के अनुसार, मृतकों के आश्रितों को 1,28,821 SDR (Special Drawing Rights) यानी मौजूदा दर के हिसाब से लगभग 1.4 करोड़ रुपये प्रति यात्री के हिसाब से भुगतान किया जाना चाहिए।

फिलहाल एक SDR की कीमत लगभग ₹120 है, जिसे पांच वैश्विक मुद्राओं – अमेरिकी डॉलर, यूरो, रॅन्मिन्बी, येन और पाउंड स्टर्लिंग के आधार पर तय किया जाता है। हालांकि, अंतिम भुगतान की राशि इस पर निर्भर करेगी कि एयर इंडिया ने अपनी विमानों के लिए किस स्तर का बीमा कवरेज लिया था।

क्या है मॉन्ट्रियल कन्वेंशन?

मॉन्ट्रियल कन्वेंशन, जो कि एक अंतरराष्ट्रीय विमानन संधि है, हवाई यात्रा से जुड़े मामलों में यात्रियों के हितों की रक्षा करता है। भारत ने इस संधि को वर्ष 2009 में अपनाया था। इस नियम के अंतर्गत अगर कोई एयरलाइन किसी यात्री को हुई क्षति या मृत्यु के लिए उत्तरदायी पाई जाती है, तो उसे निश्चित रूप से मुआवजा देना होता है।

ब्रोकरेज फर्म हाउडेन इंडिया के एमडी और सीईओ अमित अग्रवाल के अनुसार, “मुआवजे की गणना SDR यूनिट्स के आधार पर होती है। SDR की कीमत अक्टूबर 2024 तक 1.33 अमेरिकी डॉलर प्रति SDR थी। फाइनल भुगतान एयर इंडिया द्वारा ली गई इंश्योरेंस पॉलिसी के कवरेज पर निर्भर करेगा।”