बच्चा करता हैं हर बात पर गुस्सा, इन तरीकों की मदद से संभाले परिस्थिति

वर्तमान समय की जिंदगी में तनाव और काम का बोझ सभी के जीवन का हिस्सा बन चुका हैं जिसका असर सीधे तौर पर स्वभाव पर पड़ता हैं। देखा जाता हैं कि कई बच्चे तो हर बात पर गुस्सा करने लगे हैं जो उनके आने वाले भविष्य के लिए सही नहीं हैं। बढ़ते हुए बच्चों का गुस्सा करना नॉर्मल बात है। इसे आप बच्चे के विकास का एक हिस्सा भी कह सकते हैं। लेकिन इससे उनके जिससे उनके स्वभाव में चिड़चिड़ापन आ जाता है जिसे संभालने की जरूरत हैं। ऐसे में पेरेंट्स की जिम्मेदारी बढ़ जाती हैं कि किस तरह परिस्थिति को संभाला जाए और बच्चे की समझाइश की जाए। आज इस कड़ी में हम आपके लिए कुछ टिप्स लेकर आए हैं जिनकी मदद से स्थिति को संभालने में मदद मिलेगी और आप अपने गुस्से वाले बच्चों को शांत कर सकेंगे। तो आइये जानते हैं इन टिप्स के बारे में..

खुली जगह पर ले जाकर सैर करवाएं

बच्चे ज्यादातर फोन पर ही व्यस्त होते हैं। जिस वजह से माता-पिता उन पर गुस्सा करते हैं। बच्चा और भी माता-पिता से गुस्सा हो जाता है। ऐसे में आप बच्चों को पार्क में घूमने ले जाएं और उन्हें प्रकृति की सैर करवाएं। इससे बच्चे ताजगी महसूस करेंगे और आपके भी रिश्ते उनके साथ बेहतर होंगे।

गुस्से का कारण समझें

सबसे पहले तो पेरेंट्स इस बात पर ध्यान दें कि उनका बच्चा किस वजह से गुस्सा करता है। अगर ऐसी कोई बात या हरकत है, जो बच्चे को परेशानी करती है और उसे गु्स्सा दिलाती है, तो उसकी पहचान करें। ऐसे करने से पेरेंट्स आसानी से बच्चे के गुस्से को शांत कर सकते हैं और उसे नियंत्रित भी कर सकते हैं।

बच्चे से बात करें

पेरेंट्स के लिए जरूरी ही कि इस मुद्दे पर वो अपने बच्चे से बात करें। इसके लिए पहले बच्चे का गुस्सा शांत होने का इंतजार करें और जब भी बच्चा अच्छे मूड में हो, तो उससे खुलकर बात करें। उसे समझाएं कि सामने वाले पर गुस्सा होने से पहले उसकी पूरी बात सुननी चाहिए, उसके बाद ही उसपर अपनी प्रतिक्रिया करना सही है। बच्चे को यह भी बताएं कि प्रतिक्रिया आराम से देनी चाहिए। हर समय बच्चों को डांटने से अच्छा है कि आप उनसे अच्छे से बात करें। उनके मन की इच्छा जानने की कोशिश करें। इससे उन्हें आप पर और भी ज्यादा विश्वास होगा और आपके रिश्तों में भी मजबूती आएगी।

कुछ सीमाएं बनाएं

बच्चों को ये समझाएं कि उन्हें दूसरों के साथ कैसा व्यवहार करना है और कैसा नहीं करना है। उसके लिए कुछ नियम बनाकर रखें, साथ ही ये भी बता दें कि अगर वो इन नियमों को तोड़ता है तो उसे क्या सजा मिलेगी। बच्चे के मारने या काटने पर उसे तुरंत टोकें ताकि उसे सही और गलत की समझ हो।

बच्चे को दें प्राइवेसी

आज कल के समय में हर एक कप प्राइवेसी की ज़रुरत होती है। बच्चे को प्राइवेसी देना बहुत लोग पसंद नहीं करते लेकिन ये गलत है। ऐसा करना कई बार बेहद जरूरी हो जाता है। अगर आपका बच्चा किसी बात को लेकर आपसे गुस्से में है और कहीं जाकर बैठना चाहता है तो उसे बैठने दें। बार बार उसके पास जाकर उससे कुछ कहने की कोशिश न करें। वो खुद दिमाग ठंडा होने पर आपके पास आजएंगे।

आत्मनियंत्रण सिखाएं


बच्चों में खुद को कंट्रोल करने की क्षमता नहीं होती है। ये गुर आपको उसे सिखाना है। उन्हें बताएं कि वो जब चाहें किसी को काट या मार नहीं सकते हैं। उसे अपनी भावनाओं को कंट्रोल करना और कुछ करने से पहले सोचने की आदत जरूर डालें।

सामने वाले की भावना के बारे में बताएं

अगर बच्चा गुस्सा होकर कोई गलत शब्द बोलता है या कोई गलत कदम उठाता है, तो बच्चे को तुरंत रोकें। बस यह ध्यान रखें कि जबतक बच्चा गु्स्सा है, उसे डांटे या धमकाएं नहीं। इससे बच्चे का गुस्सा बढ़ सकता है। कुछ देर बाद उसे बताएं कि गुस्से में अपशब्द बोलना या हिंसक होना गलत है। इससे सामने वाले की भावना को ठेस पहुंच व दिल को चोट लग सकती है। साथ ही बच्चे को यह भी सिखाएं कि गुस्सा आने पर यह सोचना चाहिए कि जैसा व्यवहार वो गुस्से में दूसरों के साथ करेगा, वैसा कोई उसके साथ करे, तो उसे कैसा लगेगा। इन सब बातों को शांति से समझाने की कोशिश करें। ऐसा करने से बच्चे में अपने गुस्से को नियंत्रित करने की क्षमता पैदा होगी।

मनपसंद खाना बनाकर खिलाएं

अगर आपके बच्चे को ज्यादा गुस्सा आता है और वो बेहद जिद्दी हो गया है तो उसे शांत करने और लाइन पर लाने के लिए उसका माइंड डाइवर्ट करने की कोशिश करें। उसके मनपसंद का खाना बना कर या फिर कुछ अलग सा आर्डर करें उन्हें शॉपिंग पर लेजाएं। ऐसे आप अपने गुस्से वाले बच्चों को शांत कर सकते है। बच्चों के साथ बैठकर उन्हें समझाएं की आप भी कभी उनके ही उम्र में थे और ऐसा होता था। ताकि उन्हें भरोसा हो जाए की वो अपनी कोई भी दिक्कत आपसे बता सकते हैं। उन्हें अपनी ज़िन्दगी के हसी वाले कॉलेज वाले किस्से सुनाएं ताकि आपका बच्चा आपसे खुल कर बातें कर सके।

गुस्से का कारण व्यक्त करना सिखाएं

गुस्सा किसी को भी आ सकता है, इसलिए बच्चे से क्रोध के बारे में भी बात करें। उसे बताएं कि गुस्सा होना या क्रोध आना भावनात्मक व्यवहार का ही एक हिस्सा है। अगर उसे किसी भी बात पर गुस्सा आता है, तो उसे इस बारे में पेरेंट्स या परिवार के अन्य सदस्यों को बताना चाहिए। साथ ही वह जब भी अपनी कोई समस्या या बात बताए, तो उसकी बातों पर ध्यान दें। उसकी भावनाओं का सम्मान भी करें। ऐसा करने से बच्चा उचित तरीके से अपने क्रोध व गुस्से की भावना को जाहिर करना सीख सकता है।