आप ऐसे बहुत से लोगों को जानते होंगे जिन्होंने किसी से प्रेम विवाह किया मगर उस रिश्ते का अंत खुशहाल ना रहा हो। इनमें से कितने जिंदगी को दोबारा नए सिरे से जीने को तैयार हो पाते हैं? क्या वाकई आधे अधूरे प्रेम संबंधों से उबरना नामुमकिन है? ऐसा नहीं है। आइए जानते हैं, कैसे अपने पास्ट को भूलाकर अपने नए जीवन की शुरुआत कर सकते हैं।
इंतजार में खड़ी है आपकी खुशियांअसफल विवाह या प्रेम से उबरना दूसरा जीवन मिलने जैसा होता है क्योंकि कई लोग ऐसे में घातक कदम भी उठा लेते हैं। यह सब जानते हैं कि हम पर किसी की जोर जबरदस्ती नहीं होती। अक्सर देखा जाता है कि यदि किसी को उसका मनपसंद जीवनसाथी नहीं मिले तो वे जीवन भर रोता है। जीवन में खुशियां होते हुए भी उन्हें नजरअंदाज कर देता है। ऐसी स्थिति में सकारात्मक सोच रखना जरूरी है। ताकि बिखरी हुई जिंदगी को फिर से समेट कर नई शुरुआत की जाए।
सकारात्मक नजरिया रखना जरूरी शादी का रिश्ता हमारे देश में बहुत पवित्र और अटूट बंधन के रूप में देखा जाता है। प्रेम संबंध विवाह में बदलने पर जरूरी नहीं है कि वह रिश्ता हमेशा खुशहाल हो। इसलिए किसी नापसंद रिश्ते को कोसने पीटने और उन्हें धोने के बजाय जिंदगी में आगे बढ़े। जो आपके पास है वही वास्तव में खास है।
समझना होगा रिश्ते का सही अर्थआजकल जमाना बदल गया है लड़का लड़की शादी के लिए हां कहने से पहले एक दूसरे के बारे में सब कुछ जानना समझना चाहते हैं। अगर उन्हें लगता है कि साथ में दोनों सुखी वैवाहिक जीवन गुजार सकते हैं तभी राजी होते हैं। जीवनसाथी में सही मायने में बहुत सी खूबी होती है। उन्हें पहचाने।साथ ही खुद को भी उनके हिसाब से थोड़ा बहुत बदलने का प्रयास करें।
एक दूसरे से वादा करें और उसे निभाएकिसी भी रिश्ते की पहली जरूरत होती है, आपस में बात करना। इसी से मन में छिपी भावनाओं का पता लग जाता है। हमें शुरू में जो पसंद नहीं होता उसके साथ थोड़ा सा समय बिताने के बाद नजदीक से जाने के बाद उसे प्रभावित होने लगते हैं। इसलिए एक दूसरे को हमेशा खुश रखने का वादा करें।
जहां सब खत्म लगे, शुरुआत वहीं से करेंकिसी धोखे के कारण जीवन तबाह करना बेवकूफी है। क्योंकि आपके रुक जाने से समय और दुनिया नहीं रुक सकती। भूले को बिसार दे और आगे बढ़कर अपने हिस्से की खुशियां झोली में भर ले।